भोपाल। राज्य महिला आयोग ने महर्षि महेश योगी शिक्षण संस्थान के सचिव गिरीश वर्मा पर लगे यौन शोषण के मामले का रुख ही बदल दिया। बीते रोज पीड़िता के बयानों के दौरान जो कुछ हुआ उसके बाद उत्साहित पीड़िता बैकफुट पर आ गई और वापस पुलिस के पास जा पहुंची। सनद रहे कि इससे पूर्व पीड़िता ने पुलिस को बयान देने से यह कहते हुए इंकार कर दिया था कि उसे पुलिस से न्याय की उम्मीद नहीं है और पूरी कहानी राज्य महिला आयोग को बताएगी।
महर्षि महेश योगी शिक्षण संस्थान के सचिव गिरीश वर्मा पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली शिक्षिका गुरुवार को महिला थाने पहुंची। यहां उन्होंने आवेदन दिया। आवेदन में कहा गया है कि वर्मा हॉलैंड में ग्रीन कॉर्ड होल्डर हैं। इस कारण वह कभी भी देश छोड़कर विदेश जा सकते हैं। इसलिए उनका पासपोर्ट जब्त किया जाए।
रतनपुर स्थित महर्षि विद्या मंदिर की शिक्षिका ने महिला थाने में दिए आवेदन में कहा है कि 7 मार्च को संस्थान के भुवनेश शर्मा, यतीश सक्सेना, टीपी कांडा, वीएन गोस्वामी और अरविंद सिंह राजपूत ने पत्रकार वार्ता में उनका और उनके पति का नाम उजागर किया है। चूंकि मामला राज्य महिला आयोग में विचाराधीन था। इसलिए संस्थान द्वारा ऐसा किया जाना आपराधिक कृत्य है। संस्थान के लोगों ने ऐसा वर्मा के कहने पर किया है। इस कारण वर्मा सहित सभी अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। पीड़िता ने वर्मा के ईमेल एड्रेस की जांच कर मामला दर्ज करने का भी आवेदन दिया है।
क्यों जब्त करें पासपोर्ट : सीएसपी
सीएसपी जहांगीराबाद सलीम खान का कहना है कि महिला की शिकायत पर मामले की जांच की जा रही है। शिक्षिका ने वर्मा का पासपोर्ट जब्त करने का आग्रह किया है। जबकि, वर्मा के खिलाफ किसी भी थाने में कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है। हम किस आधार पर पासपोर्ट जब्त करने की कार्रवाई कर सकते हैं। आपत्तिजनक ईमेल के मामले में साइबर सेल को शिकायत भेज दी गई है। जहां तक पत्रकार वार्ता में शिक्षिका और उसके पति का नाम उजागर करने की बात है, अभी तक पुलिस को कोई तथ्य हाथ नहीं लगे हैं।
सात दिन में मांगें माफी, नहीं तो ठोकेंगे मानहानि का केस
वर्मा ने एडवोकेट विजय चौधरी के माध्यम से नोटिस भिजवाया है। इसमें कहा गया है कि वर्मा देश भर में 142 स्कूल का संचालन करते हैं। उन पर लगे आरोप से न केवल उनकी छवि धूमिल हुई है, बल्कि संस्थान की प्रतिष्ठा पर भी आंच आई है। इसलिए वो पांच करोड़ रुपए मानहानि की क्षतिपूर्ति के लिए जिला न्यायालय में दीवानी दावा लगाएंगे। नोटिस में उल्लेख है कि महिला और उसके पति सात दिन के भीतर माफी मांगें नहीं तो भोपाल कोर्ट में मानहानि का मामला पेश किया जाएगा।