भोपाल/ ग्वालियर की जनता को 50 करोड़ का चूना लगाकर भागी कंपनी स्काईलार्क के डायरेक्टरों की गिरफ्तारी के बाद बीते रोज वाराणसी पुलिस ने आरोपियों को मुरार पुलिस के सुपुर्द कर दिया। इस दौरान वाराणसी पुलिस ने एक और डायरेक्टर को भी अरेस्ट किया और उसे यह सफलता मिली मीडिया में खबरें आ जाने के कारण।
एक पाठक की जागरूकता व उनकी मदद से वाराणसी की कैंट पुलिस को मंगलवार की सुबह तब सफलता मिली जब ग्वालियर (मध्यप्रदेश) में सस्ते प्लाट का लालच देकर 50 करोड़ की ठगी करने वाली स्काईलार्क लैंड डेवलपर एंड इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी का एक और निदेशक उसके हत्थे चढ़ गया।
पुलिस ने लालपुर क्षेत्र से निदेशक मंडल में शामिल आरोपी दस हजार के इनामी संतोष पांडेय को उसके आवास से गिरफ्तार कर लिया। सोमवार को लोहता से एक अन्य आरोपी जयहिंद पहले ही गिरफ्तार हो चुका है।
इंस्पेक्टर कैंट अनिरूद्ध सिंह ने बताया कि मंगलवार को समाचार पढ़ने के बाद लालपुर क्षेत्र से एक पाठक ने उन्हें फोन किया और बताया कि जिस संतोष पांडेय की आप लोगों को तलाश है वह मेरे क्षेत्र में ही रहता है और इस समय मेरी नजरों के सामने वह अपने मकान की छत पर टहल रहा है।
इस बाबत उक्त जागरूक पाठक ने एसएसपी को भी एसएमएस कर सूचित किया। उधर कैंट पुलिस उक्त जागरूक नागरिक द्वारा बताए पते पर दस मिनट के भीतर पहुंच गई। इंस्पेक्टर को देखते ही संतोष पांडेय भागने लगा तो सिपाहियों ने उसे दौड़ाकर पकड़ लिया।
जौनपुर के नहोरा (परसईपुर) का मूल निवासी संतोष पांडेय ग्वालियर में लोगों को चूना लगाने के बाद अपने मूल आवास न जाकर वाराणसी आया और लालपुर क्षेत्र में उसने करोड़ों रुपये से आलीशान मकान बनवाया। उसके पास दो सफारी, एक इनोवा व एक वैगन आर है। जयहिंद की गिरफ्तारी की सूचना मिलते ही उसने वैगन आर छोड़कर अन्य गाड़ियां हटा दी थीं। उन गाड़ियों की तलाश की जा रही है।
इंस्पेक्टर ने बताया कि पूछताछ में पता चला कि जौनपुर के महेवा (गोपालपुर) का दुर्गा यादव भी शिवपुर इलाके में रहता है। पुलिस ने उसके आवास पर भी छापा मारा लेकिन वह फरार हो चुका था। उसकी तलाश जारी है। कैंट पुलिस की इस सफलता पर एसएसपी अजय मिश्र ने पीठ थपथपाने के साथ ही उन्हें पांच हजार रुपये पुरस्कार देने की घोषणा की है।
उधर आरोपियों की गिरफ्तारी की सूचना पर मुरार थाना, ग्वालियर (मध्य प्रदेश) के एसआई व मामले के विवेचक सियाराम शुक्ला मय फोर्स यहां पहुंचे और विधिक कार्रवाई के बाद जयहिंद कुमार व संतोष पांडेय को अपने साथ ले गए।
आसपास फैला रखा था मायाजाल पुलिस व आरोपियों के आवास के आसपास रहने वालों की मानें तो जयहिंद व संतोष ने खूब मायाजाल फैला रखा था। आलीशान मकान व महंगी गाड़ियों पर चलने के शौकीन दोनों आरोपियों ने यहां भी लोगों को सस्ते दर पर आवास उपलब्ध कराने के बहाने ठगी की योजना बनाई थी।
दोनों ने ग्वालियर की भांति यहां भी एक ब्रोशर तैयार किया था। सिगरा स्थित दफ्तर भी ये आते-जाते थे लेकिन योजनाओं को अमलीजामा पहनाने से पहले ही पुलिस के हत्थे चढ़ गए।