भोपाल। मध्यप्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में से केवल 30 सीटों पर ही कांग्रेसी बचे हैं, शेष नेता जो पहले कभी कांग्रेसी हुआ करते थे, अब भाजपा के ऐजेंट हो गए हैं। बैकडोर से सत्ता का लाभ ले रहे हैं और ऐसी किसी गतिविधि का समर्थन नहीं करते, जिससे शिवराज सरकार को घेरा जा सके। भोपालसमाचार.कॉम के इस दावे पर मुंहर कल अजय सिंह ने अपने शब्दों में लगा दी।
नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने यह मंगलवार को निगरानी समितियों के पदाधिकारियों की बैठक और जन जागरण अभियान के शुभांरभ के दौरान कहा कि ‘कांग्रेस के कुछ साथी भाजपा से मिलकर सत्ता का फायदा उठा रहे हैं। जब हमने जिलों से अवैध रेत खनन के मामलों की जानकारी बुलाई तो वहां के पदाधिकारी मुझसे इस मामले में चुप्पी साधने के लिए कहते हैं।’
इस दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया, विधानसभा उपाध्यक्ष हरवंश सिंह, निगरानी समिति के प्रदेश प्रभारी कैप्टन जयपाल सिंह, विधायक गोविंद राजपूत, मीडिया सेल के अध्यक्ष मानक अग्रवाल, कोषाध्यक्ष गोविंद गोयल सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे। कार्यक्रम में नेताओं ने ध्वजवाहिनी योजनाओं के संबंध में जिला एवं ब्लाक स्तरीय समितियों को महत्वपूर्ण दायित्वों की विस्तार से चर्चा की।
बैठक में राज्य, जिला एवं ब्लाक स्तरीय निगरानी समितियों के पदाधिकारियों ने भाजपा को केंद्र की जन कल्याणकारी योजनाओं का अनुचित चुनावी फायदा नहीं उठाने देने का संकल्प लिया। नेता प्रतिपक्ष सिंह ने कहा कि भाषण का समय नहीं बचा है, अब मैदान में काम करने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि निगरानी समितियां भ्रष्टाचार को लेकर सरकार के खिलाफ चुप्पी क्यों साधे हुए हैं। बहुत से जिलों में ठीक तरह से काम नहीं हुआ है। ऐसे में कांग्रेस की सरकार कैसे बनेगी।
नेता प्रतिपक्ष ने दुख जताते हुए कहा कि हमारे कुछ साथी भाजपा से मिलकर सत्ता का लाभ उठा रहे हैं। उन्होंने रिपोर्ट भेजने के मामले में कहा कि हम अच्छी-अच्छी रिपोर्ट बनाकर भेज देते हैं, लेकिन जमीन पर कोई काम नहीं होता है। सिंह ने कहा कि पार्टी ने सभी 230 विधानसभा क्षेत्रों में भ्रष्टाचार में शामिल नेताओं के होर्डिंग्स लगाने के लिए कहा था। पर केवल 30 क्षेत्रों में होर्डिंग्स लगाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार में लिप्त ऐसे लोगों के खिलाफ चुप्पी क्यों साधे हुए हो। नेता प्रतिपक्ष ने निगरानी समितियों के पदाधिकारियों को चेताते हुए कहा कि हमारी कमजोरी और गलती से भाजपा की सरकार आ गई थी तो वे लोग आपकों(कांग्रेसियों को) छोड़ेंगे नहीं।
सनद रहे कि इस मामले में भोपालसमाचार.कॉम लगातार यह खुलासा करता आ रहा है कि मध्यप्रदेश कांग्रेस के ज्यादातर पदाधिकारी शिवराज सरकार को घेरने नहीं बल्कि औपचारिक प्रेसनोटिया विरोध दर्ज करा फाइलें बनाने में जुटे हैं ताकि हाईकमान को बेवकूफ बनाया जा सके।
पिछले 6 महीने से कांतिलाल भूरिया के नेतृत्व वाली कांग्रेस कमेटी एक भी ऐसा आयोजन करने में सफल नहीं रही जिसमें संख्या 1 लाख के आसपास हो।