भोपाल। एयरटेल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सर्वोच्च अदालत ने कंपनी को उन सात सर्किलों में 3जी के नए ग्राहक बनाने से रोक दिया है जहां का लाइसेंस उसके पास नहीं है। इन सात सर्किलों में से एक मध्यप्रदेश भी है और सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार एयरटेल अब मध्यप्रदेश में कोई नया 3जी प्रोडक्ट नहीं बेच सकती।
हालांकि, पुराने ग्राहकों को दी जा रही सेवा कंपनी बरकरार रख सकती है। इसके अलावा कोर्ट ने इन सर्किलों में 3जी सेवा देने पर एयरटेल के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने से दूरसंचार विभाग [डॉट] को फिलहाल रोक दिया है। डॉट ने कंपनी पर इसके लिए 350 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद एयरटेल पूर्वी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्यप्रदेश, गुजरात, कोलकाता, केरल व महाराष्ट्र में 3जी सेवा के नए ग्राहक नहीं बना पाएगी। कंपनी के पास इन सर्किलों में 3जी स्पेक्ट्रम का लाइसेंस नहीं है। वह अन्य लाइसेंसधारक कंपनियों से समझौते के तहत ग्राहकों को यह सुविधा उपलब्ध कराती है।
गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश अल्तमश कबीर की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने दिल्ली हाई कोर्ट की खंडपीठ के फैसले के खिलाफ दाखिल एयरटेल की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश जारी किए। पीठ ने इसके साथ ही भारती एयरटेल की याचिका पर केंद्र सरकार व रिलायंस कम्युनिकेशन लिमिटेड को नोटिस जारी करते हुए दो हफ्ते में जवाब देने को कहा है। इसके दो हफ्ते बाद भारती एयरटेल अपना जवाब दाखिल करेगी। मामले की अगली सुनवाई अब 9 मई को होगी।
दूरसंचार विभाग ने 15 मार्च को अधिसूचना जारी कर भारती एयरटेल द्वारा सात सर्किलों में 3जी सेवा दिए जाने को गैरकानूनी ठहरा दिया था। साथ ही प्रति सर्किल 50 करोड़ रुपये के हिसाब से 350 करोड़ रुपये जुर्माना ठोका था। इस आदेश के खिलाफ कंपनी ने दिल्ली हाई कोर्ट में अपील की थी। हाई कोर्ट की एकलपीठ ने डॉट के आदेश पर रोक लगा दी थी। मगर रिलायंस कम्युनिकेशन ने एकलपीठ के फैसले को हाई कोर्ट की दो सदस्यीय खंडपीठ में चुनौती दी थी। इस खंडपीठ ने चार अप्रैल को एकलपीठ का फैसला निरस्त कर दिया था। इस फैसले को ही एयरटेल ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।