भोपाल। अधिकारियों और कर्मचारियों के सामूहिक अवकाश के कारण मंगलवार को सभी सरकारी दफ्तरों में सन्नाटा पसरा रहा। कई दफ्तरों के ताले भी नहीं खुले। दफ्तरों में काम के लिए पहुंचने वाले लोग परेशान रहे। सबसे ज्यादा वे लोग परेशान हुए, जो मंगलवार को होने वाली जनसुनवाई में अर्जी लगाने पहुंचे लोगों को हुई।
हड़ताल का असर इधर सरकारी अस्पतालों पर भी पड़ा, यहां मरीजों को जांच और दवा के लिए परेशान होना पड़ा। कई विभागों के ताले भी नहीं खुले।
कलेक्टोरेट में ठप रहा कामकाज
कर्मचारियों के सामूहिक अवकाश के कारण जिला प्रशासन ही नहीं बल्कि उसके अंतर्गत 28 विभागीय शाखाओं के काम काज को भी पूरी तरह ठप कर दिया। कलेक्टोरेट में अधिकतर शाखाओं के दफ्तर के नहीं खुले। जनसुनवाई के लिए पहुंचे लोगों को निराश होकर बैरंग लौटना पड़ा। खाद्य शाखा में राशनकार्ड मिलने की उम्मीद में आने वाले भटकते नजर आए। यही आलम कमिश्नरी का था, जहां अपने गनमैन से गाड़ी चलवाकर अधिकारी पहुंचे और टेबल पर जमा फाइलें निपटा कर दोपहर बाद रवाना हो गए।
कलेक्टोरेट में मंगलवार को जनसुनवाई के लिए पहुंचे फरियादियों को भटकते हुए देखा गया। जनसुनवाई के लिए 10 बजे तक टोकन पाने की चाह में सुबह से की कतार लग गई थी, लेकिन 11 बजे तक टोकन बांटने कोई नहीं पहुंचा। इसके बाद सुरक्षा में लगे पुलिस कर्मियों ने समझाया। बावजूद लोग इंतजार करते रहे। भीमनगर निवासी लक्ष्मीबाई अहिरवार ने बताया कि बागमुगालिया के प्लाट पर राज मुखर नाम व्यक्ति ने कब्जा कर लिया है। इसकी शिकायत दो बार कर चुकी है, तीसरी बार शिकायत करने आई थी।
फ्रेंड्स कॉलोनी निवासी मो.जावेद ने बताया कि कालोनी में आये दिन चोरी की घटना घटित होने की शिकायत करने पहुंचा था, लेकिन जनसुनवाई लेने के लिए कोई अधिकारी नहीं पहुंचा। कुटी नगर, करोद निवासी शरीफ दुर्घटना में घायल होने के बाद आर्थिक मदद के लिए बीबी जमीला और बच्चों के साथ पहुंचा था, लेकिन मायूस होकर लौटना पड़ा। इसी तरह डेढ़ महीने से राशनकार्ड के लिए चक्कर काटने वाली शमा वसीम को मंगलवार को बुलाया गया था, लेकिन हड़ताल के चलते निराश होकर लौटना पड़ा।
अस्पतालों में जांच तक नहीं हुई
भोपाल। कर्मचारियों की हड़ताल का असर अस्पतालों में भी देखने को मिला। पूरे दिन मरीज दवा के लिए इधर उधर भटकते रहे। वहीं कर्मचारियों के काम पर न आने के कारण मरीजों के एक्स-रे और जांचें भी नहीं हो पार्इं। हालांकि अस्पतालों में ओपीडी चालू रहने से मरीजों को इलाज में कोई समस्या नहीं हुई। दवा वितरण बंद होने के कारण डॉक्टरों ने मरीजों का इलाज तो कर दिया लेकिन दवा के लिए उन्हें बुधवार को आने का कह दिया। इसी तरह एक्स रे और अन्य जांचों के लिए भी मरीजों को बुधवार का समय दिया गया।हमीदिया अस्पताल में कर्मचारियों की हड़ताल के बावजूद ओपीडी 1195 रही जो आम दिनों के समान ही है। साथ ही मंगलवार को छोटे और बड़े मिलाकर कुल 22 आॅपरेशन किए गए। इसी तरह जेपी अस्पताल की ओपीडी में 589 मरीज पहुंचे वहीं काटजू अस्पताल में 195 मरीज ओपीडी में पहुंचे।