इंदौर। रुचि सोया कंपनी द्वारा आयकर अधिकारियों को रिश्वत देने के मामले में सीबीआई को बुधवार को हर हालात में चालान पेश करना होगा वर्ना मुलजिमों की जमानत का रास्ता साफ हो जाएगा।
सीए महेश अग्रवाल, उसके सहायक नागेश यादव व रुचि सोया के कंपनी सचिव अशोककुमार अग्रवाल की न्यायिक हिरासत की मियाद मंगलवार को खत्म होने पर उन्हें सीबीआई के विशेष न्यायाधीश अनुपम श्रीवास्तव के समक्ष पेश किया गया, ऐसे में सीबीआई ने चालान पेश नहीं कर बुधवार तक का समय ले लिया।
सूत्रों के मुताबिक वैसे तो मंगलवार को तारीख पेशी पर ही चालान पेश होना था किंतु सोमवार को देर रात तक दिल्ली स्थित हेडक्वार्टर से डायरेक्टर से अनुमति नहीं मिल सकी थी। मंगलवार को सुबह से फिर सीबीआई के अफसर अनुमति लेने में जुटे रहे लेकिन कुछ दस्तावेज और शामिल करने के कारण डायरेक्टर से अनुमति नहीं मिली। इसके अलावा महेश ने भी 10 फरवरी को ही अपनी गिरफ्तारी होना रिकार्ड पर स्वीकारी थी, ऐसे में मंगलवार को 58 दिन ही हुए थे जबकि कायदे से 60 दिन में चालान पेश होना है, इसी का फायदा लेकर सीबीआई ने समय ले लिया, अब यदि बुधवार को भी चालान पेश नहीं हुआ तो मुलजिमों के जमानत पर छूटने का रास्ता साफ हो जाएगा।
गौरतलब है कि 8 फरवरी को सीबीआई ने रिश्वत के लेनदेन करने का दावा किया था। पूर्व में धोखाधड़ी के एक अन्य केस में मुलजिम मोहन यादव इसी तरह जमानत पर छूटा था जिसके चलते सीबीआई सोचस मझकर कदम उठा रही है। उधर, रिश्वत कांड में एक मुलजिम नागेश यादव की जमानत अर्जी पर हाईकोर्ट में जस्टिस पीके जायसवाल के समक्ष सुनवाई होना थी किंतु नागेश की ओर से बहस नहीं करते हुए तर्क पेश करने के लिए समय ले लिया गया जिस पर 15 अप्रैल तक का समय दिया गया।