एक भी ट्रेन नहीं रुकती इस मॉडल स्टेशन पर

पथरिया। दमोह संसदीय क्षेत्र के सांसद द्वारा पथरिया क्षेत्रवासियों द्वारा की जा रही वर्षो से मांग को पूरा नही किया जा रहा है। जिससे आज पथरिया रेल्वे स्टेशन से करीब एक दर्जन से ज्यादा ट्रेन हो गई जो सीधे बिना रूके निकल जाती है।

कई बार मांग पत्र सौपे गये पर ना रेल्वे ने उन पत्रों परद विचार किया ना ही क्षेत्रीय सासंद विधायक ने जिससे पथरिया के लोगों को सागर या दमोह जाकर वह ट्रेनों से यात्रा करना पड़ता है। जबकि पथरिया माडल स्टेशन घोषित है। और निमार्ण कार्य चल रहे है। वही जिस दिन माडल स्टेशन का भूमिपूजन किया गया उस दिन भी स्टापेज की बात रेल्वे के अधिकारियों से की गई जिस पर दो ट्रेनों के शीघ्र स्टापेज की बात कही पर आज दो माह होने को है। पर एक भी टेªन का स्टापेज स्वीकृत नही हुआ जिससे क्षेत्र की जनता परेशान है।

क्षेत्रवासियों की मांग जिन टेªनों की गई उसमें जबलपुर-इंदौर, रीवा-इदौर, इंटरसिटी एक्सप्रेस, जबलपुर-जयपुर दयोदय एक्सप्रेस, अमृतसर-विशाखापटनम हीराकुडं एक्सप्रेस, उदयपुर-शालीमार एक्सप्रेस, जबलपुर-जम्मूतवी एक्सप्रेस शामिल है। जिनका स्टापेज की मांग है जो करीब दस वर्षो स ेचल रही है। पर स्वीकृती एक भी टेªन की नही मिलती जबकि जोन द्वारा प्रतिदिन अन्य स्टेशनों पर स्टापेज स्वीकृत किये जा रहे है। पर पथरिया क्षेत्रवासियों की रेल्वे प्रशासन जानबूझकर उपेक्षा कर रहा ऐसा प्रतीत होता दिख रहा है पथरिया क्षेत्र के लोगों की क्षेत्रीय सांसद से मांग है कि पथरिया में ट्रेनों के स्टापेज की स्वीकृती दिलाये जिससे क्षेत्र के लोगों को सागर दमोह तक ना भटकना ना पड़े।

प्रदेश के मुखिया के आदेशों का अधिकारीओं पर कोई असर नही

पथरिया-मध्यप्रदेश शासन के मुख्यमंत्री द्वारा आम जनता की समस्याओं को सुनने व उसका समय पर निराकरण हो इसके लिये प्रत्येक मंगलवार को जनसुनवाई का आयोजन 11 बजे से 1 बजे तक हो और उसका निराकरण हो सके। लेकिन शासन की लाख कोशिशों के बाद भी जनसुनवाई कार्यक्रम को पथरिया में पदस्थ अधिकारीयों द्रवारा कोई तव्वजों नही दी जा रही है। जिसके कारण शासन की मंशा को उन्ही के प्रशासन द्वारा कोई महत्व नही दिया जा रहा है।

और ना ही शासकीय कार्यालयों में जनता की समस्याओं का समाधान करने के लिये जनसुनवाई शिविर का आयोजन हो पा रहा है। यहां पर पदस्थ अधिकारियों द्रवारा शासन के आदेशों को किस तरह से दरकिनार किया जा रहा इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है। कि जिला मुख्यालय पर प्रत्येक मंगलवार को अधिकारीगण बैठकर जनसुनवाई करते है। लेकिन पथरिया में न जनसुनवाई करते है। और ना ही कोई जनसमस्या निवारण शिविर का आयोजन किया जाता है न ही निश्चित समय पर वो स्ंवय उपस्थित रहते है जिसके कारण आमजन को परेशानी का सामना करना पडता और अपनी समस्या के निराकरण हेतु जिला कलेक्टर के पास जाना पडता है।

जबकि पथरिया एक तहसील मुख्यालय है और यहां समस्त विभाग कार्यरत है लेकिन अधिकारी अपने विभाग की कमजोरी व भ्रष्टाचार को छिपाने के लिये जनसुनवाई का आयोजन नही करते है मुख्य कारण समस्त विभाग के अधिकारी अप-डाउन संस्कृति को अपनाये हुये है जिसके कारण वह समय पर कभी भी कार्यालय नही आ पाते है मध्यप्रदेश शासन जब तक इन अधिकारियों की अप-डाउन संस्कृति पर रोक नही लगा सकती व मुख्यालय पर न रहने वालों पर कार्यवाही नही करेगी। तब तक शासन की योजनाओं का आम आदमी तक लाभ पहुंचना संभव नही और अधिकारियों द्रवारा शासन की योजनायें कागजों पर ही दौडती रहेगी। अतः शासन-प्रशासन से मांग है जो अधिकारी शासन के आदेशों का उलंघन कर रहे है इन पर कार्यवाही की जायें।

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