भोपाल। भोपाल-इंदौर स्टेट हाईवे के सुखद सफर पर टोल कंपनियों ने ग्रहण लगा दिया है। टोल नाकों पर यात्रियों के साथ हो रही बदसलूकी ने सरकार के प्रयासों पर पानी फेर दिया है। इस रोड पर सफर करने वाले अधिकांश यात्रियों को टोल वसूलने वाली कंपनियों की दादागिरी का सामना करना पड़ रहा है।
भोपाल-देवास स्टेट हाईवे के निर्माण से इस मार्ग पर सफर करने वाले यात्रियों को सुविधा तो मिली है, लेकिन टोल वसूलने वाली कंपनी द्वारा यात्रियों के साथ बदसलूकी के मामले बढ़ रहे हैं। तय राशि से अधिक वसूलने से विवाद हो रहे हैं। सरकारी वाहनों के अलावा सरकार ने कुछ विशिष्टजनों को टोल टैक्स में छूट दी है लेकिन कंपनियां किसी को नहीं बख्श रहीं। स्टेट हाईवे पर आष्टा से पहले बनाए गए टोल प्लाजा पर सबसे ज्यादा दुर्व्यवहार हो रहा है।
दुर्व्यवहार के शिकार कुछ यात्री इस प्लाजा पर टोल वसूलने वाली कंपनी की शिकायत पहले भी कई बार कर चुके हैं। लेकिन कार्रवाई नहीं होने से कंपनी के कर्मचारियों का व्यवहार नहीं बदला। भोपाल-देवस राजमार्ग पर आने-जाने का टोल टैक्स देने के बाद भी रोजाना इस मार्ग पर दुर्घटनाएं होने से अभी तक सैकड़ों जानें चली गई हैं। जबकि शासन ने रोड इसलिए अच्छा बनाया था ताकि दुर्घटनाएं न हों। इस रोड पर तकनीकी रूप से गांव के मोड़ व रोड क्रॉसिंग पर चिह्न नहीं होने से दुर्घटनाएं हो रही हैं।
पिछले साल अप्रैल में बीएचईएल भोपाल से आष्टा होते हुए नीमच की ओर जा रहे एक भारी भरकम ट्राला फंस गया था। तब भी इस मार्ग व बायपास पर बने पार्वती पुल में तकनीकी कमी सामने आई थी। ट्राला नए पार्वती पुल से न ले जाकर नगर के पुराने पुल के पास से अस्थाई मार्ग बनाकर ले जाया गया। भोपाल से देवास तक 155 किमी लंबे इस मार्ग को दो लेन से फोर लेन हुए दो तीन साल हुए हैं, लेकिन इस रोड पर दुर्घटनाओं ने रिकार्ड तोड़ दिया है।