भोपाल। विवादों से मजबूत गठबंधन लेकर चल रहे मध्यप्रदेश के प्रमुख सचिव स्तर के एक तेजतर्रार अफसर राधेश्याम जुलानिया वन विभाग के एक आला अफसर को धमकाने को लेकर चर्चा में हैं। सिंचाई विभाग के एक ठेकेदार की वन विभाग द्वारा जब्त जेसीबी मशीन को छुड़ाने को लेकर जुलानिया ने वन विभाग के मुख्य वन संरक्षक एसएस राजपूत को मुख्यमंत्री के नाम पर धमकाते हुए कहा कि मशीन नहीं छोड़ी तो वह उनकी सीएम के सामने पेशी करा देंगे।
गौरतलब है कि विदिशा जिले के शमशाबाद इलाके के वन विभाग ने वन क्षेत्र में अवैध खनन करते मिलने पर केईसी कंपनी की जेसीबी मशीन जब्त की है। कंपनी उस इलाके के सतपाड़ा हाट में सिंचाई विभाग की नहर बनवा रही है। जुलानिया की दलील थी कि जेसीबी के जब्त होने से नहर का काम प्रभावित हो रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सीसीएफ राजपूत ने प्रमुख सचिव जुलानिया की नाराजगी जताने के बाद आला अफसरों को पूरा घटनाक्रम का ब्यौरा दिया।
सूत्रों के मुताबिक सीसीएफ राजपूत ने जेसीबी छोड़ने से इंकार कर दिया। दरअसल, मैदानी अधिकारियों ने उक्त मशीन को वन क्षेत्र में मिट्टी खोदने पर जब्त कर राजसात किया था। राजपूत ने जल संसाधन के प्रमुख सचिव को कानूनी प्रक्रिया का हवाला देते हुए अपने स्तर से मशीन को छोड़ने में असमर्थता जताई थी। इस पर जुलानिया ने नाराज होते हुए कहा कि आपके मैदानी अधिकारियों ने गलत प्रकरण बनाकर जेसीबी मशीन को जब्त किया है। जबकि कंपनी को संबंधित पटवारी अरविंद यादव ने सतपाढ़ा हाट में नहर बनाने के लिए राजस्व क्षेत्र से मिट्टी खोदने की अनुमति दी थी।
राजपूत ने उन्हें बताया कि मैदानी अधिकारियों द्वारा भेजी गई जांच रिपोर्ट और स्थानीय लोगों के बयान के अनुसार जहां से मिट्टी खोदी गई है वह वन क्षेत्र है। इस मामले में संबंधित तहसीलदार यादव ने भी अपने बयान में कहा है कि उन्होंने कंपनी को मिट्टी खोदने के लिए कोई क्षेत्र चिन्हित करके नहीं दिया था, उसने केवल उसे तहसील क्षेत्र के राजस्व में मिट्टी खोदने की अनुमति दी थी।
500 डंपर खोदी मिट्टी
सूत्रों के मुताबिक विदिशा जिले के शमशाबाद रेंज में 500 डंपर मिट्टी खोदने पर वन महकमे के मैदानी अफसरों ने केईसी कंपनी की जेसीबी मशीन को जब्त किया था। जब्ती के बाद पूरी कानूनी कार्यवाही कर इसे राजसात किया गया। इस मामले की जांच करने वाले डिप्टी रेंजर रामप्रसाद अहिरवार का कहना है कि उन्होंने वन कर्मी, स्थानीय लोगों और पटवारी के बयान के आधार पर सिरोंज रेंज के एसडीओ गृजेश वरकडे़ को जांच रिपोर्ट सौंपी है। उन्होंने इस रिपोर्ट के आधार पर ही उक्त मशीन को राजसात किया है। जेसीबी राजसात होने के बाद उक्त कंपनी ने सीसीएफ भोपाल राजपूत के यहां पर अपील दायर की है।
बताया जाता है कि राजपूत इस मामले की सुनवाई करने वाले ही थे कि प्रमुख सचिव जुलानिया का फोन उनके पास पहुंच गया।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रमुख सचिव जुलानिया की नाराजगी को देखते हुए राजपूत ने विभागीय प्रमुख सचिव वीपी सिंह और वन प्रमुख आरएस नेगी से मार्गदर्शन मांगा था। दोनों वरिष्ठ अफसरों ने राजपूत से कहा है कि जो भी करना है नियम से करो, नियम के बाहर जाकर कोई काम नहीं करना।
जलसंसाधन विभाग के प्रमुख सचिव राधेश्याम जुलानिया से उनका पक्ष जानने के लिए संपर्क किया तो जुलानिया ने बात करने से साफ इंकार करते हुए कहा कि वे इस मामले में कोई बात नहीं करना चाहते। आप को जो भी पूछना है विभागीय मंत्री से पूछें। मुख्य वन संरक्षक एसएस राजपूत ने जेसीबी मशीन की जब्ती की पुष्टि की लेकिन विवाद को लेकर बोलने पर वे भी कन्नी काटते दिखे।