भोपाल। अन्य राज्यों के मुकाबले मप्र में वन तेजी से घट रहे हैं, जो पर्यावरण संतुलन के लिए गंभीर खतरा है। यह चिंता का विषय है। यह बात केंद्रीय वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री जयंती नटराजन ने रविवार को कही। वह राजधानी में स्थापित नेशनल ग्रीन ट्रिव्युनल की जोनल बेंच के शुभारंभ कार्यक्रम में बोल रही थीं।
उन्होंने कहा कि वनों की रक्षा के लिए जन जागरूकता के अलावा कानूनी रूप से भी कडेÞ कदम उठाने की जरूरत है। ग्रीन ट्रिव्युनल की स्थापना से वन एवं पर्यावरण की रक्षा हो सकेगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए हमें प्रकृति से खिलवाड़ करना बंद करना होगा। पर्यावरण संतुलन जरा सा बिगड़ने से ही आज असमय मौसम में बदलाव आदि देखे जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वन एवं पर्यावरण की रक्षा के लिए जो भी कानून बने, उसका व्यवहारिक रूप से उपयोग होना चाहिए। उन्होंने कहा कि शहरों का बढ़ता दायरा वनों को कम कर रहा है न कि वनों में रहने वाले आदिवासी। इसलिए हमें सोचना होगा कि वनों को नुकसान किससे है-जंगलों में रहने वाले आदिवासियों से या फिर शहरों के बढ़ते दायरे से। मौजूदा स्थितियों में आदिवासियों को जंगल में लकड़ी बीनने और पत्ते तोड़ने सहित जंगलों में प्रवेश करने से रोका जाता है, जबकि उनका जीवन जंगलों पर ही निर्भर है।
यदि हम आदिवासियों पर ऐसे ही लगाम कसते जाएंगे, तो नक्सलवाद जैसी समस्याएं उत्पन्न होती रहेंगी। नेशनल ग्रीन ट्रिव्युनल के चेयरमैन जस्टिस स्वतंत्र कुमार ने देश भर में काम करने वाले ग्रीन ट्रिव्युनल्स में वन और पर्यावरण बचाने की दिशा में जो काम किए जा रहे हैं, उसे कानूनी रूप से मदद की बात कही। जस्टिस केके लाहोटी ने कहा कि वन और पर्यावरण बचाने में ट्रिव्युनल्स की अहम भूमिका है।