वो राजनीति नहीं जानता.....!

राकेश दुबे@प्रतिदिन। रतलाम से निर्वाचित निर्दलीय विधायक पारस  सखलेचा का निर्वाचन उच्च न्यायालय ने अवैध घोषित कर दिया है| उच्च न्यायलय की इस विषय को देखने की दृष्टि को पूर्ण सम्मान देते हुए निवेदन है रतलाम की जनता की आवाज़ “वो राजनीति नहीं जानता|” सच है पटवारी से लेकर कलेक्टर तक ऐसी  कोचिंग पढ़ाने वाला की फीस मिली तो ठीक नहीं मिली तो और ठीक|

तालाब की सफाई के लिए तालाब की पाल पर सोने वाला और ड्रग ट्रायल का विरोध करने वाला , राजनीति नहीं जानता क्योंकि राजनीति करने वाले हिम्मत वाले होते है विकास करने और जनभागीदारी से विकास करने और करवाने वाले नहीं|

देश के सामने ऐसे विधायकों और सांसदों की संख्या विलुप्त जाति के जीवों की तरह है| विकास के कार्य के लिए जान लगा  देनेवाले बचे ही कितने हैं| पारस  सखलेचा का निर्दलीय महापौर काल और विधायक काल रतलाम शहर के विकास का आइना है| लेकिन इससे ज्यादा पर्यावरण और अन्य विषयों किस समझ और दूरदर्शिता  पहले रतलाम ने कभी नहीं भोगी थी|

1980 के दशक में जिले में  रोजगार के आंकड़े इस जिले को पिछड़ों में शामिल करते थे| अब यहाँ के लोग कहाँ नहीं है और उनमें अधिसंख्य पारस सखलेचा के छात्र| झाली तालाब हो या रतलाम की सडकें सभी विधायक के जीवंत होने के प्रमाण हैं| लेकिन, इनसे क्या होता हैं ? तबादले करवा या रुकवा नहीं सकते, ठेके दिलवा नहीं सकते जैसे छोटे काम नहीं करा सकते तो बड़े काम की हिम्मत कहाँ से लाओगे| बहुत ज्यादा हुआ तो मानिक सरकार की तरह , कोई कभी याद कर लेगा| “दादा” राजनीति का ककहरा  “भ्रष्टाचार” से शुरू होता है| शायद तभी लोग ख रहे है “वो राजनीति नहीं जानता|


  • लेखक श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं प्रख्यात स्तंभकार हैं। 
  • संपर्क  9425022703 
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