भोपाल। 24 अप्रैल से आय, जाति, निवास प्रमाण पत्र नहीं बनेंगे। इसके साथ ही गरीबी रेखा में नाम भी नहीं जोड़े जा सकेंगे। दरअसल, इन सेवाओं को समय पर देने के बाद सिर्फ उनकी कंप्यूटर फीडिंग में विलंब होने पर तहसीलदारों पर अर्थदंड आरोपित करने से सूबे के तहसीलदार नाराज हैं।
नतीजे में तहसीलदारों ने अर्थदंड पर तत्काल रोक लगाने के साथ-साथ पांच मांगों को पूरा नहीं करने पर काम बंद करने का अल्टीमेटम दे दिया है। राजस्व अधिकारी कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ की गुरुवार को हुई बैठक में तहसीलदारों ने अपनी अनदेखी पर जमकर आक्रोश जताते हुए चेतावनी दे दी है कि, अगर उनकी जायज मांगों को पूरा नहीं किया जाता तो वर्क टू रुल के हिसाब से ही काम करेंगे।
इसके नतीजे में राजस्व विभाग के अतिरिक्त अन्य विभाग से संबंधित लोक सेवाएं जैसे आय एवं मूल निवासी प्रमाण-पत्र जारी करना, गरीबी रेखा में नाम जोड़ना, राशनकार्ड जारी करना, गेहं उपार्जन कार्य, सीआरपीसी के तहत सौंपे गये कार्य, प्रोटोकाल से संबंधित कार्य, जन्म मृत्यु पंजीयन, जाति प्रमाण-पत्र संबंधी काम पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा। संघ के अध्यक्ष पीएस त्रिपाठी ने बताया कि तहसीलदारों पर अर्थदंड लगाकर मानसिक और आर्थिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। इस कारण वे परेशान हैं।
तहसीलदारों को उनकी निर्धारित सेवाओं के अलावा कई काम और भी सौंप दिए गए हैं, जिनको पूरा करने के लिए विभागों में अन्य आवश्यक संसाधन व सुविधाएं भी नहीं है। इसके बावजूद भी काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि, पहले तो पूर्व में किए गए अर्थदण्ड निरस्त किए जाएं तथा संसाधन व सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए। बताया गया है कि वर्ष 2013 की डीपीसी में कैडर रिव्यू से बढ़े पदों को जोड़कर शीघ्र डीपीसी की जाए। बैठक में प्रदेशभर से आए संघ के पदाधिकारियों में वीरेंद्र कटारे, किरन गुप्ता, संजय श्रीवास्तव, वीरेंद्र करण, बिहारी सिंह, भुवन गुप्ता, नीतू सिंह, संजीवकेशव देशपांडे, वरुण अवस्थी, प्रदीप कौरव, मनीष तिवारी, गीताजंलि आदि मौजूद थे।