भोपाल। गुना में एक मॉ अपने 8 वर्षीय लापता बेटे को तलाशते तलाशते मानसिक संतुलन खो बैठी। वो जनसुनवाई में कलेक्टर से मदद मांगने पहुंची परंतु वहां भी पुलिसकर्मियों ने उसे बालों से पकड़कर घसीटते हुए जीप में डाला और हवालात में बंद कर दिया। प्रशासन ने महिला विक्षिप्त है। गुना कलेक्टर को कोई बताए कि जिसका मासूम बेटा गुम जाए वो मॉ हमेशा विक्षिप्त ही हो जाती है।
अपने लापता बच्चे को ढूंढ़ने की गुहार लेकर दर्जनभर बार कलेक्टर के दरवाजे पर दस्तक दे चुकी एक मां की ममता का धैर्य की सारी सीमाओं का लांघ गया। तमाम सरकारी दफ्तरों में फरियाद लगाने के बाद भी जब एक मां का लाड़ला बेटा नहीं मिल सका, तो परेशान होकर उसने जनसुनवाई कार्यक्रम में हंगामा खड़ा कर दिया। पिस्ता बाई नाम की यह महिला कलेक्टर से मिलने की जिद को लेकर जैसे ही कलेक्टोरेट सभाकक्ष में पहुंची, तो उसने अपनी आप बीती जोर जोर से लोगों को सुनाना शुरू कर दिया। इस उम्मीद में कि शायद चीखने चिल्लाने से प्रशासन का ध्यान उसकी समस्या पर चला जाए।
लेकिन बजाए इसके हुआ उल्टा। पुलिस कर्मियों ने उसे बाहर निकालने की कोशिश की। मॉ बाहर नहीं जाना चाहती थी तो धक्कामुक्की कर दी, जवाब में महिला ने भी झूटने की कोशिश की तो पुलिसकर्मियों ने उसके बाल पकड़े और लगभग घसीटते हुए पुलिस जीप में डाल दिया और थाने ले गए। इधर प्रशासन ने इस महिला को मानसिक रूप से कमजोर बताकर उसकी व्यथा से पल्ला झाड़ लिया। बताया जाता है, कि पिस्ताबाई का 8 वर्षीय पुत्र बीते छह माह से लापता है, जिसकी गुमशुदगी वह दर्ज करा चुकी है।
सुबह से बैठी थी महिला
अपने लापता बेटे को ढूंढ़ने की गुहार लेकर आई पिस्ताबाई सुबह से कलेक्टोरेट परिसर के बाहर बैठी थी। पिस्ताबाई हमेशा की तरह जनसुनवाई कार्यक्रम में अपनी बारी का इंतजार कर रही थी। जैसे ही उसकी बारी आई, वह सभाकक्ष में पहुंची। यहां पहले तो उसने प्रभारी कलेक्टर डॉ. वीरेन्द्र रावत को आवेदन दिया और उसके बाद हंगामा शुरु कर दिया। उसका कहना था, कि वह कई बार आवेदन दे चुकी है, लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। हंगामे के दौरान महिला पुलिसकर्मियों ने उसे जबरन कक्ष से बाहर निकालने का प्रयास किया, जिसके चलते वह भड़क उठी और उसने महिला आरक्षक के साथ झूमाझटकी करना शुरु कर दी।