सीहोर। मुख्यमंत्री के गृह जिले सीहोर में सूचना का अधिकार कानून मजाक बन कर रह गया है। महत्वपूर्ण जानकारियां देने में जिले के अधिकारी टालमटोल करते है। मुख्यमंत्री के गृह जिले में अधिकारियों के संरक्षण के चलते अनुसुचित जाति-जनजाति वर्ग को दिए गए पट्टे बेखोफ होकर बेचे जा रहे है। और सीधे तौर पर शासन के नियमों की धज्जियां उडाई जा रही है। जिले के अकेले श्यामपुर क्षेत्र में ही पट्टो की जमीन हस्तांतरण कर करोड़ो रुपए का भ्रष्टाचार किया गया।
जिसमें जिले के अधिकारी शामिल थे उक्त आरोप कांग्रेस के वरिष्ट नेता कुलदीप सेठी ने एक पत्रकार वार्ता के दौरान लगाए। किसी समय तेज तर्राट नेता के रुप में जिले में अपनी विशिष्ट पहचान बनाने वाले कांग्रेस नेता कुलदीप सेठी रविवार को कई बरस बाद सक्रिय नजर आए, जिस पर कांग्रेस और भाजपा में मिश्रित प्रतिक्रिया भी मिल रही है।
रविवार को आयोजित एक पत्रकार वार्ता के दौरान कांग्रेस नेता कुलदीप सेठी ने बताया कि उनके द्वारा सूचना के अधिकार के तहत श्यामपुर-दोराहा क्षेत्र में पिछले एक वर्ष पूर्व जानकारी मांगी थी। तहसील के अंतर्गत आने वाले समस्त पटवारी हल्को में किए गए नामंतरणो की छाया प्रति के साथ जानकारी मांगी थी। तहसील क्षेत्र में हरिजन-आदिवासी किसानों की जमीनों का नामांतरण हुआ है और रजिस्ट्री भी की गई है। श्री सेठी ने जानकारी देते हुए बताया कि उक्त सूचना के अधिकार के संबंध में 24 जुलाई 2012 को लोक सूचना अधिकारी श्यामपुर से उन्हें एक पत्र प्राप्त हुआ जिसमें उल्लेख किया गया था कि संबंधित जानकारी अस्पष्ट और अगणनीय है।
जानकारी से संबंधित इस पत्र में इस क्षेत्र में दिए गए पट्टो की अनुमानित सं या 2970 बताई गई है। साथ ही पत्र में लोक सूचना अधिकारी ने इन पट्टो से संबंधित जानकारी के लिए बारह लाख सत्रह हजार रुपए जमा करने की बात कही गई। श्री सेठी ने इस पत्र का हवाला देते हुए बताया कि इस पत्र मेंलोक सूचना अधिकारी ने ये समस्त जानकारी सीहोर कार्यालय में होने की बात कहीं।
पट्टो के नाम पर हुआ करोड़ों का खेल
पत्रकार वार्ता में कांग्रेस नेता श्री सेठी ने आरोप लगाते हुए कहा कि लगातार कई गंभीर अनियमित्ता की जा रही है। अनुसूचित जाति व जनजाति के भूमि धारियों की जमीन के साथ ही शासकीय जमीन कथित कालोनाइजरों को बिना कलेक्टर की अनुमति से बेच दी गई है और हस्तांतरण कर दाखिल खारिज भी कर दिया गया है। उन्होनें श्यामपुर तहसिलदार पर आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ समय के लिए इन जमीनों की रजिस्ट्रीयां भी कर दी गई है और करोडो रूपए का भ्रष्ट्राचार भी किया गया है। यह पूरा मामला सामने आने के बाद वरिष्ट अधिकारियों द्वारा जांच भी कराई गई, पर चौंकाने वाली बात यह है कि यह जांच एक अन्य महिला तहसीलदार को सौंपी गई है जो कि वैधानिक रूप से गलत है। पत्रकार वार्ता में उन्होंनें बताया कि पट्टो की जमीन के हस्तारंतरण और रजिस्ट्री का गोरख धंधा इछावर, बुधनी और नरसुल्लागंज क्षेत्र में भी चल रहा है जिले के इछावर बुधनी एवं नरसुल्लागंज क्षेत्र में भी आदिवासियों की जमीनो को बेच दिया गया है। उन्होने बताया कि जिले के इछावर तहसील के गांव रामगढ मे 43 एकड सीलिंग की जमीन नियमो को शिथिल कर बेच दी गई है इस मामले में प्रशासनिक स्तर पर जांच भी चल रही है।
जिला कांग्रेस निकम्मी और नाकारा
पत्रकार वार्ता के दौरान इस संबंध में पत्रकारों के सवालों के दौरान कांग्रेस नेता कुलदीप सेठी ने प्रदेश के बड़े कांग्रेस नेताओं का सीधे तौर पर नाम लेते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के गृह जिले में रेत का अवेध उत्खलन हो या आदिवासियों की पट्टो की जमीन बेचने का मामला हो, लेकिन कांग्रेस के प्रदेशिक नेता कभी भी विरोध की मुद्रा में नजर आए और ना ही कभी जिले के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने विरोध दर्ज नही कराया जिससे साफ जाहिर होता है कि प्रदेश कांग्रेस के आला नेता और जिले के बडे नेता भी शंका के घेरे में आते है।
खोला कागजों का राज
श्री सेठी ने सत्ता से जुडे प्रदेश के एक ठेकेदार का नाम लेते हुए कहा कि उक्त ठेकेदार के यहां आयकर विभाग कार्यवाही के दौरान अधिकारियों को मिले पत्र का हवाला देते हुए बताया कि उस पत्र में ये उल्लेखित था। कि सत्ता से जुडे इस ठेकेदार के संबंध प्रदेश कांग्रेस के बड़े नेताओं से है। और ठेकेदार द्वारा भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के इशारे पर प्रदेश कांग्रेस के बडे नेताओं के यहां पैसा पहुचाया जाता है, ताकि वे अपने विरोध के स्वर नीचे रखे। रविवार को अचानक पत्रकार वार्ता बुलाकर कांग्रेस नेता कुलदीप सिंह सेठी ने पुराने तेवर दिखाने की कोशिश की, जो भाजपा कांग्रेस नेताओं में मिश्रित प्रतिक्रिया वाली रही। सभी इस बात पर हैरान है कि अचानक श्री सेठी क्यों सक्रिय हुए है? उन्हें अचानक भाजपा के साथ साथ कांग्रेस के नेता क्यों बुरे लगने लगे? बहरहाल आज की पत्रकार वार्ता क्या गुल खिलाती है यह आने वाले दिनों में स्पष्ट होगा।