राकेश दुबे@प्रतिदिन। राजनीति में नकल एक अनिवार्य तत्व होता जा रहा है, यूपीए सरकार भला पीछे कैसे रह सकती है। यूपीए अब एनडीए की नकल करेगा पहले उसने इनकी नकल पर "इण्डिया शाइनिंग" बनाया था अब ये उसके मुकाबले में "भारत निर्माण" उतार रहे हैं।
भारत निर्माण 180 करोड़ का होगा। उनके इण्डिया शाइनिंग में यहाँ-वहां कुछ-कुछ छिपा था। इनके भारत निर्माण में छिपाने के लिए कुछ बचा ही नहीं है। एक बात जो पिछले दो दिनों से चर्चा में थी, कि इतनी फजीहत के बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह राजनीति से संन्यास ले लेंगे गलत साबित हुई, वे असम से फिर राज्यसभा में जा रहे हैं। बिना किसी रोक-टोक के।
भोपाल में पढ़े शायर जावेद अख्तर की नज़्म 'मीलों आ गये और मीलों जाना है" भारत निर्माण की थीम है। अपनी नज़्म से संतुष्ट जावेद अख्तर भी, शायद ही देश के भ्रष्टाचार पर चादर की तरह नज़्म डालने की, इस तरकीब से सहमत हो। हकीकत यह है की इससे बुरा दौर भारत ने पहले कभी नहीं देखा है। सरकारी धन की मनमानी लूट। ऐसे में यह नज़्म पूरी तरह बेमानी है।
20174 के चुनाव के मद्देनजर तैयार की जा रही इस सामग्री का निर्देशन प्रदीप सरकार ने किया है, जो "परिणीता" जैसी सफल फिल्म के निर्माता हैं। सूचना प्रसारण मंत्रालय ने सिर्फ एक शब्द का सही इस्तेमाल किया है और वह है "शांत क्रांति"। उनका मतलब क्या है? मालूम नहीं, लेकिन नित नये घोटालों के बाद यदि जनादेश में कोई परिवर्तन होता है तो यह क्रांति होगी। वैसे हम हिन्दुस्तानी अहिंसक है और क्रांति हमने सिर्फ किताबों में ही पढ़ी-सुनी है।