शासन ने नहीं दिए आदेश फिर भी काटा जा रहा है हड़ताली अध्यापकों का वेतन

भोपाल। मप्र में अपनी नियुक्ती से लेकर अभी तक समान कार्य समान वेतन व प्रमोशन जैसी जायज मांगो को लेकर शिक्षाकर्मी पीड़ित है जिसे लेकर समय समय पर आंदोलन करते आ रहा है। प्रदेश में हमेशा संवैधानिक स्तर पर हडताल का वेतन कर्मचारीयो को दे दिया जाता है मध्यप्रदेश में शासन ने अध्यापक संवर्ग की हडताल अवधि का वेतन काटने का आदेश तो नही दिया किंतु मप्र अध्यापक संवर्ग को हडताल समय अवधि का वेतन नही दिया जा रहा है।

जिसे लेकर मप्र अध्यापक मोर्चे के संरक्षक श्री मनोज मराठे ने प्रदेश मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह जी चौहान व शिक्षामंत्री सहित जिम्मेदार अधिकारीयों को पत्र लिखकर हड़ताल समयावधि का वेतन शीघ्र जारी करने की मांग की है। अनेक आवेदनो व मांगो के बाद भी सरकार ने अध्यापको की मांगो पर उचित निर्णय उचित समय पर नही लिये जाने के परिणाम स्वरूप अध्यापकों द्वारा समय समय पर सरकार को वादा निभाने व अध्यापको की जायज मांगो को लेकर आवेदन, निवेदन और ज्ञापन दिये गये पर मांगे न मानने के परिणामस्वरूप अध्यापक संवर्ग को हडताल व आंदोलन का रास्ता अपनाना पडा जो लोकतंत्र में हर नागरीक का संवैधानिक अधिकार है।

परिणामस्वरूप अध्यापको ने पूर्व में तीन दिवस 15 फरवरी से प्रदेशभर में 24 दिवस हड़ताल की जो बार बार सरकार द्वारा यह संदेश भेजने पर तोड़ी गई कि जब तक हडताल वापस नही ली जाती तब तक अध्यापको से कोई चर्चा नही होगी। इसी के चलते अध्यापक संघ ने हडताल वापस ली अर्थात कहीं न कहीं अप्रत्यक्ष रूप से सरकार के अलिखित व मौखिक आदेश पर ही हडताल वापस ली गई है। ताकि सरकार व अध्यापको के बीच अध्यपको की मांगो को लेकर चर्चा हो सके।

श्री मराठे  ने इस आधार पर मानवीय दृष्टि तथा संवैधानिक स्थिति व अल्प वेतन पर सेवा देने वाले अध्यापको को हडताल समयावधि का वेतन काटना अनुचित व अन्यायपूर्ण रवैया अतः मानवीय दृष्टि अल्पवेतन के कारण आर्थिक तंगी की स्थिति झेल रहे अध्यापक संवर्ग को संवैधानिक दृष्टि से प्रदेशभर के सभी अध्यापको को हडताल समयावधि का वेतन देने के आदेश जारी करने संबंधि निर्देश सभी विभागो को तत्काल देने का कष्ट करे अन्यथा हमें हमारे वेतन संबंधी मामले को लेकर न्यायालय की शरण का रास्ता अपनाना होगा जिसके लिए शासन जिम्मेदार रहेगा।

श्री मराठे ने हडताली वेतन की समस्या हल करने हेतु प्रदेश के प्रत्येक अध्यापक संविदा शिक्षक व गुरूजीयों से निवेदन किया है कि इस हेतु वे प्रदेश के मुख्यमंत्री को एक एक पेास्ट कार्ड लिखे। इस संबंध में श्री मराठे से संयुक्त मोर्चे के जिलाध्यक्ष कसरसिंह सोलंकी, खरगोन जिले के प्रभुराम मालवीय, सेंधवा अध्यापक मोर्चे के ब्लाक अध्यक्ष विठ्ठल चैधरी, सुनिल वाडिले, जगदीश वाघरे, प्रेमसिंग राजपूत, अनिस शेख, मुस्ताक खान, झगडू़सिंग रावत, आदि ने प्रदेश मुख्यमंत्रीजी, शिक्षामंत्रीजी, मुख्य सचिव, म.प्र. शासन आदि को पत्र लिखकर हडताल अवधि का वेतन दिये जाने की मांग की गई है।

मनोज मराठे
संरक्षक अध्यापक.मोर्चा
मो. 9826699484

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