माँ और बेटी ने एक साथ उत्तीर्ण की बारहवीं की परीक्षा

भोपाल (आर.बी. त्रिपाठी)। रायसेन जिले के अंतर्गत इमलिया-बाबलिया गाँव की लगभग 38 वर्षीय प्रेम बाई विश्वकर्मा ने यह साबित किया है कि मन में कुछ करने का जज्बा हो तो उम्र भी बाधा नहीं बनती तथा पढ़ाई की कोई उम्र नहीं होती।  प्रेम बाई की बेटी सुश्री रामसखी विश्वकर्मा द्वारा प्रोत्साहित किये जाने से उन्होंने इसी साल अपनी बेटी के साथ बारहवीं की परीक्षा उत्तीर्ण की है।

उनकी बेटी रामसखी ने बायोलॉजी विषय में वर्ष 2012-13 सत्र में 12 वीं की परीक्षा पास की जबकि प्रेम बाई ने कला संकाय से 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की है।

प्रेम बाई डी.पी.आई.पी. परियोजना की मदद से इमलिया-बाबलिया में गठित सरस्वती स्व-सहायता समूह में शामिल है। उन्होंने परियोजना की मदद से शुरू में सिलाई का काम प्रारम्भ किया और अब बैंक लिंकेज से आटा चक्की लगाकर अपनी आमदनी को बढ़ाने के लिए प्रयत्नशील हंै। उनकी बेटी रामसखी पिछले दो-ढाई वर्ष से पढ़ाई के साथ-साथ डी.पी.आई.पी. द्वारा गठित समूहों के लेखा-जोखा रखने का कार्य बुक कीपर के रूप में कर रही हैं। इससे उन्हें नियमित रूप से मानदेय भी मिल रहा है।

रायसेन के जिला परियोजना प्रबंधक डॉ. एस. डी. खरे ने बताया कि इमलिया-बाबलिया गाँव समेत जिले के अन्य गाँवों में भी विभिन्न स्व-सहायता समूहों की पदाधिकारियों की बेटियाँ पढ़ाई के साथ-साथ बुक कीपर एवं ग्राम सखी का काम कर रही हैं। इनमें से कुछ युवतियाँ तो स्नातक शिक्षा तक की पढ़ाई कर रही हैं।

उल्लेखनीय है कि जिला गरीबी उन्मूलन परियोजना द्वारा ग्रामीण महिलाओं केे सामाजिक-आर्थिक रूप से विकास एवं सशक्तिकरण के साथ ही सामाजिक सरोकारों की दिशा में भी काम किया जा रहा है। इसके अंतर्गत शिक्षा, जागरूकता, मर्यादा अभियान में शौचालयों का निर्माण, धुँआ रहित चूल्हों की स्थापना, वृक्षारोपण, ग्राम सभाओं में महिलाओं की भागीदारी तथा शासन की अन्य कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सुनिश्चित करने जैसे काम किये जा रहे हैं।


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