राकेश दुबे@प्रतिदिन। रेल के खेल में बहुत कुछ बाकी है। नीचे से उपर तक चल रहा खेल यही तक नहीं है पीने के पानी से लेकर चेयरमैन की कुर्सी तक सब जगह खेल चल रहा है। अब कुछ लोग रिमांड है पर कुछ जेल में है, कुछ के यहाँ तलाशी हो रही है और कुछ रेल में मस्त हैं।
कांग्रेस के कुछ लोग अपने को भावी रल मंत्री के रूप में देख रहे हैं। तो बंसल समर्थको का दावा है कि पवन कुमार बंसल ने अपनों को और गैरों को समान रूप से नवाजा है कोई और होता तो अब तक ढेर हो जाता।
रेल का खेल कई सालों से जारी है। पिछले सभी पुरुष रेल मंत्री [लालबहादुर शास्त्री ] को छोड़ दें, तो रेल की कृपा से समृद्धशाली हुए हैं। 2007 के बाद तो इस समृद्ध परम्परा ने और पैर पसारे पवन कुमार बंसल के परिवार में जीरो बैलेंस के साथ शुरू हुए बेटे अब 4000 करोड़ से ज्यादा के आसामी है। सीबीआई को सिंगला के यहाँ से एक डायरी भी मिली है जिसके तार कांग्रेस ही नहीं अन्य दलों के लोगों से भी जुड़े है। रेल के खेल में पानी का धंधा हासिल करने के लिए दो बड़े नेतओं मे शक्ति परिक्षण तक हुआ।
हंडी के चावल की तरह यह एक मामला क्यों हुआ इसे लेकर भी बहुत सारे अनुमान बाज़ार में हैं । कांग्रेस मुख्यालय में चर्चा है कि कोयला घोटाले के बाद सी बी आई की साख पर आये संकट का प्रतिफल है । यदि ऐसा है तो अभी अगले स्टेशन सिर्फ स्टेशन नहीं जंक्शन हैं ।