भोपाल। राजस्थान मूल के आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अफसर मप्र में एकजुट हो रहे हैं। ये वे अफसर हैं जिनका जन्म या तो राजस्थान में हुआ है या फिर उन्होंने वहां पढ़ाई-लिखाई की है। इन अफसरों को एक छतरी के नीचे लाने का बीड़ा सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी पुखराज मारू ने उठाया है।
उन्होंने राजस्थानी संस्कृति मंच के नाम से एक संगठन बनाया है। हाल ही में इसकी एक बैठक भी हो चुकी है। रिटायर आईपीएस अधिकारी अरुण गुर्टू व उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव जेएन कंसोटिया भी उन्हें सहयोग कर रहे हैं।
संस्कृति मंच की सदस्यता के लिए 100 रुपए शुल्क रखा गया है। अभी तक 150 लोग इससे जुड़ चुके हैं। राजस्थान मूल के एक अधिकारी ने बताया कि लोगों को इसलिए जोड़ा जा रहा है ताकि राजनीतिक व प्रशासनिक मदद की जरूरत पड़े तो शासन पर दबाव बनाया जा सके। मप्र में इस समय राजस्थान मूल के अखिल भारतीय सेवा व राज्य स्तरीय सेवा के करीब 300 से अधिक अफसर हैं।
सामाजिक संगठन की तरह बनाया मंच
मंच के पदाधिकारी जेएन कंसोटिया का कहना है कि जिस तरह गुजराती समाज, साउथ इंडियन, तमिल-तेलुगू समाज के लोगों का एक मंच है, ठीक उसी तरह राजस्थानी मंच भी बनाया गया है। यह प्रदेश में राजस्थान मूल के लोगों के लिए सांस्कृतिक प्रोग्राम कराएगा। अक्टूबर-नवंबर में एक कार्यक्रम भी प्रस्तावित है। कंसोटिया ने कहा कि इस मंच के गठन का उद्देश्य क्षेत्रवाद नहीं है।
यह पहला संगठन होगा
एक अफसर के मुताबिक प्रदेश में अफसरों का ऐसा संगठन बनाने का यह पहला उदाहरण है। इससे पहले भाषागत, संस्कृति या समाज के आधार पर संगठन तो बने जिसमें अफसर भी रहे हैं और गैर सरकारी लोग भी। राजस्थान सांस्कृतिक मंच में सिर्फ अफसर ही होंगे।