भोपाल। भारत के भावी प्रधानमंत्री एवं गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी, छत्तीसगढ़ के सीएम रमन सिंह, शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे, दमदार कांग्रेसी नेता विद्याचरण शुक्ल, प्रख्यात गजल गायक स्वर्गीय जगजीत सिंह और पाकिस्तानी क्रिकेट खिलाड़ी वसीम अकरम मध्यप्रदेश में मजदूरी करते हैं।
आप माने या न माने, लेकिन मध्यप्रदेश के रीवा में कम से कम इन तमाम राजनेताओं के जॉब कार्ड बने हैं और इनके नाम से बने स्मार्टकार्ड से लाखों रुपयों का वारा-न्यारा किया गया है। जिस फीनो फिंटेच फाउंडेशन नामक कंपनी ने स्मार्ट कार्ड बनाये और रीवा की जिस यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने लाखों रुपये का भुगतान किया, वे इस घोटाले का आरोप एक दूसरे पर लगा रहे हैं।
सूचना के अधिकार से मिले दस्तावेजों में आये इस सनसनीखेज घोटाले को लेकर जो तथ्य सामने आये हैं, उसके अनुसार मध्यप्रदेश के नौ जिलों के कलेक्टरों ने जिलों को जितनी राशि आवंटित की गई थी, उससे चार गुणा ज्यादा रकम खर्च कर दी। इनमें इसी तरह के फर्जी स्मार्ट कार्ड बना कर करोड़ो रुपये डकार लिये गये। जाहिर है, फिलहाल इस मुद्दे पर सरकार मौन है और विपक्ष ने मांग की है कि इस पूरे मामले की सीबीआई से जांच करवाई जाये।