कलेक्टर ने कहा बीवी तो मेरी ही थी, लेकिन बेटा मेरा नहीं है

मुरैना। मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले के पूर्व कलेक्टर डॉ. सुहेल अख्तर की पत्नी शबनम खान और श्योपुर के कलेक्टर ज्ञानेश्वर बी पाटिल के विवाद के मामले ने अब नया मोड़ आ गया है।

डॉ.अख्तर ने नगर पालिका को एक पत्र लिखकर अपने 6 साल के बेटे के जन्म प्रमाण पत्र से अपना नाम हटाने के लिए लिखा है। डॉ.अख्तर का नाम शबनम खान के पुत्र अल्फेज के पिता के रूप में दर्ज है। भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) डॉ. अख्तर फिलहाल मणिपुर में पदस्थ है।

श्योपुर नगर पालिका के सीएमओ को लिखे पत्र में उन्होने कहा कि वे अल्फेज के जन्म के कई वर्ष पूर्व ही नसबंदी करा चुके है और सरकार इसका लाभ भी उन्हें दे रही है। पत्र के साथ नसबंदी की मेडिकल रिपोर्ट भी भेजी है। पत्र में डॉ. अख्तर ने यह भी कहा है कि 26 दिसंबर 2007 को जारी जन्म प्रमाण पत्र में अल्फेज नाम के बच्चे की मां शबनम और पिता के नाम के रूप में सुहैल अख्तर दर्ज है। जबकि वे वर्ष 1998 को जे.एन. हास्पिटल इंफाल में नसबंदी करा चुके है और अल्फेज का जन्म वर्ष 2007 में हुआ है। इसलिए वे उसका पिता नहीं हो सकते है।

इसलिए मेरा नाम अल्फेज के पिता के रूप में हटाया जाए। श्योपुर जिले के विजयपुर तहसील में पदस्थ डांटा एंट्री ऑपरेटर शबनम खान ने आज  कहा कि डॉ अख्तर का पत्र श्योपुर के कलेक्टर ज्ञानेश्वर पाटिल के षड़यंत्र का एक हिस्सा है। उन्होंने कहा कि डॉ अख्तर ने अपना नसबंदी आपरेशन करा लिया था तो मुझसे शादी कर धोखा क्यों दिया । उन्होनें प्रश्न उठाया कि शादी से पूर्व कोई भी युवक नसबंदी ऑपरेशन नहीं करता है।

उल्लेखनीय है कि शबनम खान ने श्योपुर के वर्तमान कलेक्टर ज्ञानेश्वर पाटिल पर जबरन यौन शोषण करने का दबाव बनाने के आरोप की शिकायत करके मुख्यमंत्री  पुलिस महानिदेशक और राज्य महिला आयोग से जांच की मांग की है । जिसके चलते यह मामला प्रदेश भर में चर्चा का विषय बना हुआ है।


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