गैरतगंज। अक्षय तृतीया के अवसर पर आयोजन मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत आईं गरीब दुल्हनों का विवाह तो सम्पन्न हो गया परंतु उन्हें इस बात का एहसास करा दिया गया कि वो गरीब हैं। पूरा आयोजन खुले आसमान के नीचे हुआ,यहां तक कि दुल्हनों को कपड़े भी खुले आसमान के नीचे ही बदलने पड़ें। महिलाओं ने आसपास झुंड बनाकर मानव दीवार तैयार की।
सोमवार अक्षय तृतिया के दिन जनपद पंचायत गेरतगज के संरक्षण मे गाम पचायत गढी मे मुख्यमत्री कन्यादान योजना अनतर्ग विवाह एवं निकाह का अयोजन किया गया यह आयोजन गढ़ी स्थित हाई स्कूल प्रांगण में कराया गया।
इस भीषण गर्मी और शरीर जला देने वाली तपिस में यहां पर महज खुले आसमान के नीचे दूल्हा दुल्हानों को बैठाया गया इनके लिये छैंया तक की व्यावस्था नही की गयी जिससे उनका बुरा हाल नजर आया।
भरी धूप में खुले आसमान के नीचे तड़पते रहे दूल्हे राजा |
आयोजन स्थल पर जगह की कमी होने के कारण भेड़ बकरी की तहर यहां वहां लागे भटकते नजर आये माइक महज दिखावटी तोर पर लगाये गये थे जिससे आवाज तक नही आ रही थी। यही नही आयोजन कराने वाले लोग तो टेन्ट लगा कर कुर्सीयों पर बैठे थे वही आमजन अपने छाटे छोटे वच्चों को लेकर यहां वहां छाया की तलाश में भटक रहे थे।
खुले आसमान के नीचे कपडे वदले कन्याओं ने
आयोजको ने यह तक ध्यान नही रखा की यहां अपनी शादी की हसरतें पाले जो कन्याये आयी है वही कपडे कहां बदलेंगी। बेचारी दुल्हनों खुले आसमान के तले कपड़े बदले।
सम्मेलन में शामिल होने आये परिवार वालो का कहना था की यहा पर व्यास्था नाम की चीज की नही है। खाने के लिये महज लडका लडकी के परिवारो के महज एक एक पैकेट पकडया गया जिसमें किलो आधा किलो नुकती तथा 20 से 30 पुडिया तथा एक मिर्च एवं आलू की सव्जी के साथ अचार के रूप में केरी की कली जवकी उक जोडे के साथ 20 से 25 लोग साथ थे।