अभी भी पटरियों पर ही खड़ी है बीरबल की 'डबल डेकर'

भोपाल। भोपाल और इन्दौर के लगभग 30 लाख लोग डबल डेकर को पटरियों पर दौड़ते हुए देखना चाहते हैं परंतु 14 मार्च 2012 को घोषित हुए डबल डेकर आज भी बस पटरियों पर ही खड़ी है।

रेलवे सूत्रों से आ रहीं खबरों के अनुसार पश्चिम रेलवे के कमिश्नर रेलवे सेफ्टी (सीआरएस) पद्म सिंह बघेल ने सोमवार सुबह भोपाल से उज्जैन तक के ट्रैक का निरीक्षण किया। अब सिर्फ रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडड्र्स आर्गेनाइजेशन (आरडीएसओ) की रिपोर्ट का इंतजार है। वहीं, भोपाल व रतलाम रेल मंडल ने डबल डेकर चलाने की पूरी तैयारी कर ली है। रतलाम रेल मंडल के अधिकारियों का कहना है कि डबल डेकर चलाने के लिए अब रेल मंत्रालय से तारीख मिलने का इंतजार है।

इधर, भोपाल रेल मंडल के अधिकारी सीआरएस की रिपोर्ट आने की बात कह रहे हैं।बघेल ने विशेष सैलून से भोपाल से उज्जैन तक ट्रैक का निरीक्षण किया। उज्जैन स्टेशन पर सीआरएस ने दैनिक भास्कर से चर्चा में कहा कि डबल डेकर को चलाने को लेकर आरडीएसओ  से उन्हें अब तक फाइनल रिपोर्ट नहीं मिली है। कुछ बिंदुओं पर अभी जानकारी मिलना बाकी है।

यहां जाम हुए हैं डबल डेकर के पहिए

सीआरएस बघेल ने अप्रैल में हुए ट्रायल के दौरान डबल डेकर के इंदौर में शेड से टकराने का भी जिक्र किया। भोपाल जंक्शन तथा हबीबगंज स्टेशन के बीच ब्रिज की ऊंचाई कम होने से भी डबल डेकर के परिचालन में दिक्कत आई थी। इन्हीं सब दिक्कतों को देखते हुए आरडीएसओ की रिपोर्ट महत्वपूर्ण है।

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