भोपाल। यह ईपत्रकारिता का ही प्रभाव है कि महज एक सप्ताह भी पूरा नहीं हुआ और मध्यप्रदेश की खंडवा कोर्ट में हुई बकरे के बच्चे की गवाही पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बन गई। सनद रहे कि इस खबर को सबसे पहले तेज न्यूज और उसके बाद भोपालसमाचार.कॉम ने प्रकाशित किया था।
खंडवा न्यायालय द्वारा बकरे को उसकी असली मां से मिलवाने के अनूठे फैसले को केन्या ने भी सराहा है। केन्या के वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ने खंडवा न्यायालय के सीजेएम गंगाचरण दुबे के नाम इस आशय का पत्र भेजा है।
भारत सरकार के वाइल्ड लाइफ बोर्ड की ओर से कलेक्टर नीरज दुबे को भेजा गया। इसी तरह वॉशिंगटन पोस्ट ने भी खंडवा न्यायालय के फैसले को न्याय का बेहतरीन उदाहरण बताते हुए 5 मई के अंक में संपादकीय लिखा है।
2 मई को खंडवा न्यायालय में बकरा चोरी मामले में सुनवाई हुई। जज ने कोर्ट में बकरियां बुलाकर बकरे की मां की पहचान कराई थी। केन्या वाइल्ड लाइफ एलिफेंट मैनेजमेंट के प्रमुख डेविड सेलड्रिक ने हिंदी-अंग्रेजी समाचार पत्रों में खंडवा में दिए गए इस फैसले की खबरें पढ़ीं।
समाचार पत्रों में खबर आने के बाद एक अंग्रेजी अखबार में देशभर के 400 से ज्यादा लोगों ने इसी विषय पर डिबेट भी किया और इसकी सराहना की। जबकि वॉशिंगटन पोस्ट ने 5 मई को संपादकीय लिखकर पशुओं के प्रति उदारता का अनोखा उदाहरण बताते हुए इससे सीख लेने की बात कही। संपादकीय में एक अंग्रेजी अखबार के हवाले से लिखा गया है।
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समाचार पत्रों में खबर आने के बाद एक अंग्रेजी अखबार में देशभर के 400 से ज्यादा लोगों ने इसी विषय पर डिबेट भी किया और इसकी सराहना की। जबकि वॉशिंगटन पोस्ट ने 5 मई को संपादकीय लिखकर पशुओं के प्रति उदारता का अनोखा उदाहरण बताते हुए इससे सीख लेने की बात कही। संपादकीय में एक अंग्रेजी अखबार के हवाले से लिखा गया है।
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