जयपुर में नहीं दर्ज हो सका स्टेवेल के खिलाफ मामला, बैरंग लौटे पीड़ित

भोपाल। उज्जैन ​के तमाम बेरोजगार युवाओं को चूना लगाने वाली कंपनी स्टेवेल इनफोटेक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ मामला दर्ज कराने के लिए उज्जैन से पीड़ित जयपुर गए, लेकिन पुलिस ने वहां उनकी सुनवाई नहीं की और पीड़ितों को वापस आना पड़ा। मामला पांच करोड़ की ठगी का है।

सनद रहे कि पीडि़तों ने उज्जैन के तीन थानों में मुकदमे दर्ज करवाए। ठगी करने वाले एजेंट जयपुर के होने के कारण उज्जैन से गए पीडि़त मंगलवार दोपहर जयपुर के वैशाली नगर थाने में मुकदमा दर्ज करवाने पहुंचे, लेकिन पुलिस ने मामला उज्जैन का होने की कहकर दर्ज करने से मना कर दिया।

मध्यप्रदेश मानवाधिकार निगरानी समिति के प्रदेश महासचिव हरीश सिंह, दिलीप सिंह और कांग्रेस सेवादल मध्यप्रदेश के रमेश चंद गहलोत उज्जैन से जयपुर मुकदमे दर्ज करवाने पह़ुंचे। उन्होंने आरोप लगाया कि वैशाली नगर के चांद बिहारी नगर निवासी जितेंद्र सिंह, झोटवाड़ा निवासी अजित सिंह व शक्ति सिंह, विद्याधर नगर निवासी अनिल चौधरी, गोनेर के सीताराम बागड़ा, जगतपुरा के गजेंद्र शर्मा ने मिलकर उज्जैन के सनशाइन टावर में स्टेवेल इंफोटेक इंडिया प्राइवेट कंपनी खोली थी।

आरोपियों ने संदीप आहूजा को उज्जैन का एजेंट नियुक्त किया था। आरोपियों ने डेढ़ वर्ष में धन को दो गुना करने की बताकर चेन सिस्टम के माध्यम से लोगों को जोड़ा। पांच करोड़ की ठगी करने के बाद आरोपी फरार हो गए। मार्च 2013 में संदीप आहूजा के खिलाफ उज्जैन के महाकाल, कोतवाली और नीलगंगा थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई।

पीडि़तों ने बताया कि बाकी के एजेंट जयपुर में स्टॉक गुरु कंपनी से जुड़े होने और कंपनी का ऑफिस वैशाली नगर थाना इलाके में होने के कारण यहां रिपोर्ट दर्ज करवाने के लिए आए है। आरोपी जितेंद्र ने करोड़ों रुपए की ठगी कर चांद बिहारी नगर में आलीशान मकान बना लिया लेकिन वैशाली नगर थाना पुलिस ने मामला उज्जैन का होने के कारण दर्ज करने से इनकार कर दिया।


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