भोपाल। महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष अर्चना जायसवाल द्वारा दुष्कर्म पीडि़ता की पहचान उजागर करने के मामले को बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने गंभीरता से लिया है। आयोग ने इस मामले में साक्ष्य मिलने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।
आयोग ने कहा है कि दुष्कर्म से पीडि़त बच्चियों की पहचान उजागर करने वालों के खिलाफ पुलिस तुरंत एफआईआर दर्ज करें। यदि कोई अपने प्रचार-प्रसार के लिए ऐसा करता है तो वो चाइल्ड प्रोटेक्शन एक्ट 2012 का उल्लंघन है।
दरअसल, महिला कांग्रेस की प्रदेशाध्यक्ष अर्चना जायसवाल ने शनिवार को धार में धरमपुरी में दुष्कर्म की शिकार एक पीडि़ता की पहचान प्रेस कॉन्फ्रेंस में उजागर कर दी थी। इस मामले में आयोग ने इंदौर के एसपी से जांच रिपोर्ट मांगी है।