IIM में यौन शोषण के खिलाफ महिला प्रोफेसर हाईकोर्ट की शरण में

इंदौर। आईआईएम एक बार फिर कठघरे में हैं। चार प्रोफेसरों ने डायरेक्टर के भ्रष्टाचार व दुर्व्यवहार के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगाई हुई है, इसी बीच अब महिला प्रोफेसर ने भी शोषण होने व इस घटना पर डायरेक्टर द्वारा आरोपी प्रोफेसर को संरक्षण देने और बोर्ड चेयरमैन द्वारा ठोस कदम नहीं उठाए जाने के खिलाफ याचिका दायर कर दी है।

शोषण मामले की जांच रिपोर्ट आते ही डायरेक्टर ने रविवार के दिन ( 28 अप्रैल) को ही महिला प्रोफेसर को बर्खास्त करते हुए 24 घंटे में ही ऑफिस व एक माह में क्वार्टर खाली करने का आदेश दे दिया था। उसके बाद मंगलवार को उन्होंने कोर्ट की शरण ली।

याचिका में महिला प्रोफेसर ने ये आरोप लगाए

: नवंबर 2011 में रिसर्च पेपर प्रेजेंटेशन के लिए आईआईएम टूर गोवा गया। यहां प्रोफेसर जयसिम्हा ने कभी बीच में घूमने तो कभी डिनर पर चलने का कहा। कई बार वह बिना बुलाए मेरे कमरे में आ जाते थे। मुझे कमरे में वाशरूम उपयोग करने के लिए बुलाते थे।
: जनवरी-12 में बैंकाक टूर गया। यहां भी डिनर, बीच पर घूमने के लिए कहा गया।
: एक बार मेरे कमरे में आ गए और कहा कि मैंने चेक आउट कर दिया है, वहीं अपना बैग रख दिया। बाद में मेरे सामने ही कपड़े बदलने लगे, मैं वहां से हटी तो मुझे पुरानी खयालात का कहा।
: जब मैंने उनके हर ऑफर ठुकरा दिए तो उन्होंने मुझे इसका अंजाम भुगतने की धमकी दी। मैंने कहा मैं डायरेक्टर से आपकी शिकायत करूंगी तो वे बोले-डायरेक्टर मेरी सुनेंगे। तुम्हें अपनी नौकरी खोनी पड़ जाएगी, मैं उनका खास हूं।
: इसके बाद मैं प्रोफेसर से दूर रहने लगी तो वे मुझे समय-समय पर प्रताडि़त करने लगे।
: नवंबर 2012 में डायरेक्टर ने आरोपी प्रोफेसर का बचाव किया और कहा कि तुम्हारे लिए मैं जयसिम्हा को नहीं छोड़ सकता। 19 फरवरी 2013 को डायरेक्टर ने मुझे कहा-तुम्हें नौकरी छोड़ देना चाहिए। मैंने इसका कारण पूछा तो कहा आपने यौन शोषण का मुद्दा उठाया है।
: इसके बाद मैंने 20 फरवरी को जेंडर सेंस्टेविटी कमेटी को इसकी शिकायत कर दी। आईआईएम बोर्ड चेयरमैन केवी कामथ को भी ई-मेल किया।

जांच कमेटी की रिपोर्ट में आरोप साबित नहीं
28 अप्रैल को कमेटी ने रिपोर्ट दी कि जांच में महिला प्रोफेसर के आरोप सिद्ध नहीं हुए हैं। बयानों के दौरान प्रोफेसर जयसिम्हा ने कहा कि महिला प्रोफेसर मेरे साथ प्रोफेशनल दुश्मनी निभाने के लिए आरोप लगा रही है, वे मुझसे ईष्र्या करती हैं। कमेटी ने रिपोर्ट में कहा कि गोवा में साथियों के बयान से यौन शोषण होना साबित नहीं होता। बैंकाक में भी आरोप साबित नहीं होते, होटलों के बिल से साबित नहीं होता कि किसने पहले चेकआउट किया। इसलिए प्रोफेसर जयसिम्हा द्वारा महिला प्रोफेसर के सामने कपड़े बदलने वाली घटना भी साबित नहीं होती।

शोषण की शिकायत के कारण निकाला
28 अप्रैल को डायरेक्टर द्वारा बर्खास्त किए जाने के आदेश के बाद महिला प्रोफेसर ने चेयरमैन कामथ को ई-मेल किया। इसमें कहा गया कि इस ऑर्डर को जारी करने में डायरेक्टर ने काफी जल्दबाजी दिखाई। रविवार को ही यह आदेश जारी कर दिया और मेरा ऑफीसियल ई-मेल भी बंद कर दिया। मुझे इसलिए बर्खास्त किया गया क्योंकि मैंने संस्थान के डायरेक्टर के करीब प्रोफेसर के खिलाफ यौन शोषण की शिकायत की थी।

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