इसे कहते हैं बुजुर्गों की सेवा: पेंशन बांटने के मामले में राजस्थान नंबर 1

भोपाल। कुछ सरकारें बुजूर्गों की सेवा का ढोंग करतीं हैं और कुछ सममुच मदद कर देतीं हैं। राजस्थान सरकार ने सचमुच मदद की है। वो देश का अकेला राज्य है जो 40 लाख लोगों को पेंशन दे रहा है, जबकि संख्या उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश में ज्यादा है। पेंशन वितरण में संवेदनशीलता साबित करके राजस्थान सरकार ने अपने बुजुर्गों को इस काबिल बना दिया है कि वो जब चाहें अपने लिए 'तीर्थयात्रा' प्लान कर सकते हैं।

पेंशन योजना में राजस्थान उत्तरी राज्यों में सबसे आगे है। यहां 40 लाख से ज्यादा लोग इस योजना से जुड़ गए हैं, जबकि देश में सबसे ज्यादा आबादी (20 करोड़ से अधिक) वाले उत्तर प्रदेश में इसका लाभ केवल 39 लाख लोग ही उठा रहे हैं।

राज्यों से मिले आंकड़ों के अनुसार, मध्यप्रदेश में यह आंकड़ा 29 लाख, पंजाब में 20 लाख और हरियाणा में 19.85 लाख है। जबकि गुजरात जैसे राज्य में केवल 5.64 लाख लोग ही पेंशन योजना से जुड़े हैं। राजस्थान में यह योजना 75 साल से अधिक व उससे कम उम्र के अलग-अलग कैटेगरी के लोगों के लिए लागू है।

केंद्र की ओर से विधवा पेंशन के लिए जहां 40 से 70 साल की महिलाओं को शामिल किया गया है, वहीं राजस्थान में यह 18 वर्ष से अधिक उम्र की प्रत्येक विधवा के लिए है। केंद्र में पेंशन केवल 300 रु. मासिक है जबकि राज्य में 500 और 750 रु. है। केंद्र में परित्यक्ता महिलाओं के लिए कोई योजना नहीं है जबकि राज्य में इन्हें इस योजना में जगह दी गई है।

राजस्थान के मुख्य सचिव सीके मैथ्यू का कहना है कि राज्य सरकार की गरीबों के प्रति जो भावना है, वह इस पेंशन योजना में स्पष्ट नजर आ रही है। हमने इसमें जो भी जटिलताएं थीं, उन्हें हटा दिया, जिसके चलते ज्यादा से ज्यादा लोगों को फायदा मिलेगा। 

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!