भोपाल। एक बार फिर जागरुकता के मामले में मध्यप्रदेश सबसे फिसड्डी साबित हो गया। देश के नंबर 1 राज्य का सपना देख रहे मध्यप्रदेश के कन्जयूमर्स इतने आलसी हैं कि अपने खिलाफ हो रहे अन्याय की शिकायत दर्ज कराना तो दूर की बात एक टेलीफोन तक नहीं करते।
केन्द्र सरकार ने नैशनल कन्जयूमर हेल्पलाइन पर की जाने वाली शिकायतों के आधार पर पिछले एक महीने का आंकड़ा बुधवार को जारी किया, जिसके बाद यह जानकारी सामने आई है। सरकार ने नैशनल कन्जयूमर हेल्पलाइन की शुरुआत की थी, जिस पर उपभोक्ता अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इस हेल्पलाइन पर मई में लगभग 13 हजार कॉल रिसीव किए गए। 2873 कॉल के साथ दिल्ली पहले नंबर, जबकि 2232 कॉल के साथ उत्तर प्रदेश दूसरे नंबर पर रहा। इसके बाद महाराष्ट्र ,हरियाणा और राजस्थान का नंबर रहा।
अब यदि लोगों का कहना है कि हमें तो नैशनल कन्जयूमर हेल्पलाइन का नंबर भी नहीं पता तो ये लो सेव कर लो, वक्त पड़े तो बता देना
1800-11-4000