दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में जिस्म के बदले पासिंग मार्क्स

भोपाल/जबलपुर। पीएमटी घोटाले ने मध्यप्रदेश पर कलंक लगा दिया है। बेशक इस मामले में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने शिवराज सरकार और मेडिकल काउंसिल ऑफ  इंडिया और प्रोफेशनल परीक्षा बोर्ड को नोटिस जारी किया है, लेकिन ऐसे भी बड़ा घोटाला जबलपुर में सामने आया था।

जांच में सामने आया है कि पीएमटी घोटाले का सरगना डॉ. जगदीश सागर पैसे लेकर नंबरों में हेरफेर करता था, जबकि जबलपुर के रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में तो लड़कियों को उनके जिस्म के बदले पास कराया जाता था।

पहले जबलपुर में सेक्स के बदले नंबर और अब पीएमटी घोटाले ने जाहिर कर दिया है कि मध्यप्रदेश में एग्जाम पास कराने के नाम पर कैसे-कैसे खेल चल रहे हैं। जबलपुर सेक्स स्कैंडल ने पूरे देश में सनसनी फैला दी थी। मेडिकल के स्टूडेंट्स को अच्छे नंबरों से पास कराने के बदले में सरगना राजू खान छात्र-छात्राओं से मोटी रकम व अस्मत का सौदा किया करता था।

इस मामले में एक छात्रा प्रेरणा ओटवाल को भी आरोपी बनाया गया था। यह मध्यस्थता का काम करती थी।
वर्ष, 2011 में जबलपुर में हुए मेडिकल सेक्स स्कैंडल का मुख्य आरोपी रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर के कर्मचारी संजय यादव के साथ मिलकर कॉलेज की लड़कियों का अच्छे नंबर से पास कराने का लालच देकर जिस्मफरोशी कराता था।

मामला उजागर होने पर संजय यादव 16 जनवरी 2012 से विश्वविद्यालय से गायब हो गया था। उसे विश्वविद्यालय ने 13 फरवरी, 2012 को निलंबित कर दिया था।

वर्ष 2011 में दर्ज हुए मेडिकल सेक्स स्कैंडल मामले में मुख्य आरोपी राजू खान समेत एक दर्जन से अधिक आरोपियों के विरुद्ध चार सौ बीसी आदि के अलावा एससी-एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था।

यह मामला मेडिकल छात्रा द्वारा किस्मत के बदले अस्मत मांगे जाने की शिकायत के बाद दर्ज किया गया था। इस मामले की जांच का काम क्राइम विभाग को सौंपा गया था। जांच पूरी होने के बाद इस मामले को गढ़ा थाने और एससी-एसटी की धारा होने के कारण एजेके थाने के सुपुर्द कर दिया गया था।

इस मामले में रादुविवि के लिपिक संजय यादव की भी राजू खान से नजदीकी और उसके द्वारा परीक्षा कॉपियों की हेराफेरी के प्रमाण मिलने के बाद उसके विरुद्ध मामला दर्ज किया गया था। संजय यादव पर आरोप था कि अपने रिश्ते के भाइयों के साथ मिलकर उसने मेडिकल छात्रों से बीस से तीस हजार रुपये लेकर उनकी परीक्षा कॉपियों को बदला था।
अस्मत के बदले किस्मत जैसे घिनौने मामले की मुख्य आरोपी एक छात्रा प्रेरणा ओटवाल भी है। इस मामले को दबाने के लिये कॉलेज वार्डन ने आरोपी प्रेरणा को भागने का मौका दिया गया था। उसके बाद इस स्कैंडल में फंसीं दो छात्राओं भी गायब कर दी गई थीं, जो बाद में पकड़ीं गईं। फिलहाल यह मामला कोर्ट में चल रहा है।

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