भोपाल। संविदा शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के दौरान वेटिंग लिस्ट में दर्ज मध्यप्रदेश के हजारों अभ्यर्थी इस वेटिंग के खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं परंतु अभी तक उन्हें यह तक नहीं पता कि इस मामले में शासन स्तर पर कार्रवाई क्या की जा रही है।
एक पीड़ित अभ्यर्थी ने अपना दर्द भोपाल समाचार के नाम भेजा है हम उसे यथावत प्रकाशित कर रहे हैं, आप भी पढ़िए क्या पीड़ा है इस वर्ग की :-
प्रति श्रीमान संपादक महोदय
भोपालसमाचार.कॉम
महोदय में उन हजारो उम्मीदवारों की व्यथा की ओर श्रीमान जी का ध्यान आक्राष्ट करना चाहता हूँ जो मध्यप्रदेश शिक्षा विभाग द्वारा प्रकियाधीन संविदा शाला शिक्षक पात्रता परीक्षा में पास होकर ऑनलाइन काउंसिलिंग में शामिल हुए परन्तु कम नुम्बरो के कारण प्रतीक्षा सूचिं में शामिल हैं और प्रतीक्षा में हैं की उनका नंबर भी आएगा पर पता नहीं कब आयेगा भी या नहीं, क्योकि जब भी ऑनलाइन काउंसिलिंग की प्रक्रिया में आवंटन की प्रक्रिया समाप्त होती हैं उसके तुरंत बाद एक नया बेतुका आदेश विभाग के अधिकारी गन निकलते जिससे की समय निकल सके और बेरोजगारों की बेरोजगारी का मजाक बना सकें और प्रक्रिया को लटकाया जा सके।
१। प्रथम ऑनलाइन काउंसिलिंग के समाप्त होने के तुरंत एक नया आदेश निकल गया की जो लोग वेरिफिकेशन में शामिल नहीं हुए उन्हें एक और मौका दिया जा रहा हैं और प्रक्रिया को इस बहाने एक माह और आगे बड़ा दिया गया और जब यह प्रक्रिया समाप्त होने को आई तो एक और फरमान माननीय अधिकारीयों द्वारा निकल गया की जो महिलाये भ्रमपूर्ण स्थिति के कारन सही संस्थायों का चयन नहीं कर पायीं हैं उन्हें संस्थाओ को बदलने का समय दिया जा रहा हैं ताकिन इस बहाने और समय पास किया जा सके और प्रक्रिया को और लंबित कर हजारो बेरोजगारों जो प्रतीक्षा सूचि में उनका मानसिक शोषण किया जा सके जो आश लगाये बैठें हैं अब उनका क्रम भी आएगा
सरकार द्वारा किसी भी प्रकार के स्पष्ट दिशा निर्देश प्रकाशित नहीं किये जा रहे और एक प्रकार का भ्रमपूर्ण स्थति सरकार बनायीं गयी हैं
माननीय संपादक महोदय से मेरा अनुरोध हैं मेरी और मेरे जैसें उन हजारो बेरोजगारों की आवाज यदि आपके माध्यम से पहुच सके तो महती अनुक्रापा होगीं जिससे माननीय शिक्षा विभाग के आला अधिकारी जन अपनी अचेतन अवस्था से जाग सके और मेरे जैसे बेरोजगारों के साथ न्याय हो सके
करबद्ध निवेदंकर्ता
विक्रम सिंह प्रतीक्षारत अभ्यर्थी
संविदा वर्ग 2 जिला जबलपुर (मप्र)