चंदवासा(जगदीश सिसोदिया)। संविदा शिश्रक वर्ग 3 की व्यापम परिश्रा सन 2011 मे आयोजित हुई थी। जिसमे लाखो अभ्यर्थियो ने शिक्षक बनने के सपने संजोकर जी तोड मेहनत कर पात्रता परीक्षा पास की एसे अभ्यर्थी शिक्षक बनने की आस लगाये बैठे हैं। परंतु इनकी आसा निराशा मे बदली-बदली सी नजर आ रही है।
क्योंकि संविदा शाला शिक्षक वर्ग 3 मे भर्ती प्रक्रिया का दुसरा चरण प्रारंभ हो गया है ओर इसमे सिर्फ डीएड धारी को ही पात्रता दी जा रही है। नान डीएड वालो को नही लिया जा रहा है प्रदेश सरकार इन अभ्यर्थियो पर छलावा कर रही है। यदि नान डीएड को नही लेने थे तो फिर इनसे परिक्षा क्यो दिलवाई गई पात्रता परीक्षा पास अभ्यर्थियो का कहना है कि सरकार हमारे साथ दोगली नीति अपना रही हैं तथा हमारे भविष्य के साथ खिलवाड कर रही हैं द्धितीय चरण मे केवल डीएड धारियो के ही सत्यापन किये जा रहे है।
जिसके कारण चंहुओर हंगामे हो रहे है नान डीएड धारियो को भी पात्रता देनी होगी ताकि जो पात्रता पास अभ्यर्थी हे वो संविदा शिक्षक बन जाये लेकिन अभी तक निति नियम सही नही बनने की वजह से सभी अंसमंजस मे बैठे हुये है। इसमे एक नही,दो नही पुरे मध्यप्रदेश के अभ्यर्थियो का भविष्य दाव पर लगा हुआ है।
अब देखना यह हे कि प्रदेश सरकार इनके साथ न्याय करती है या नही यह लडाई ये लोग अपने हक के लिये लड रहे है। यदि संविदा शिक्षक वर्ग तीन मे पात्रता परिक्षा पास नान डीएड धारियो को मोका नही दिया गया तो हो सकता है इस बार मध्यप्रदेश सरकार को जोर का झटका धीरे से लग सकता है।
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