भोपाल। शिवराज की विदिशा में सिंधिया और कांग्रेस के तमाम नेताओं ने शिवराज सरकार पर जमकर हमले किए। लोगों ने सिंधिया का वैसा ही स्वागत किया जैसा वो शिवराज का किया करते थे। सिंधिया ने यहां कहा कि यह सरकार शिवराज की नहीं, शर्मा और सूर्यवंशी की है। सनद रहे यहां शर्मा से तात्पर्य सीबीआई के जाल में फंसे लक्ष्मीकांत शर्मा के भाई सुधीर शर्मा एवं सूर्यवंशी से तात्पर्य दिलीप सूर्यवंशी से है।
भाजपा के अभेद्य गढ़ के रूप में विख्यात विदिशा से सोमवार को कांग्रेस ने प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के इरादे से चुनावी शंखनाद किया। लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रभाव वाले इस क्षेत्र में पहली बार हुआ कांग्रेस के सभी दिग्गजों ने एक साथ एक मंच पर जुटकर शिवराज सरकार पर जमकर हमले किए।
सभी ने एक सुर में भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकने का संकल्प मंच से दोहराया। इस दौरान चुनाव अभियान समिति के मुखिया ज्योतिरादित्य सिंधिया जहां दिल की बात कहते नजर आए, वहीं दिग्विजय सिंह ने पहली बार विस्तार से अपने कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाई। भूरिया ने भाजपा को लुटेरों की तो सिंधिया ने शर्मा-सूर्यवंशी की सरकार करार दिया।
सभा में तकरीबन 25 हजार से ज्यादा लोगों की मौजूदगी को देखकर कांग्रेस के दिग्गज गदगद हो गए। विदिशा के जय प्रकाश मंच माधवगंज पर हुई सभा में प्रदेश प्रभारी मोहन प्रकाश, कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया, राष्ट्रीय प्रवक्ता सत्यव्रत चतुर्वेदी, प्रदेश अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया, नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, सांसद अरुण यादव ने मंच पर आते ही हाथ हिलाकर जनता का अभिवादन किया।
मुझ पर मुकदमा करके दिखाएं: दिग्विजय सिंह
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय ने कहा कि मैं खुला ऐलान करता हूं और सीएम शिवराज को चुनौती देता हूं कि वे जहां चाहे जिस मंच पर चर्चा कर लें, मैं भाजपा सरकार के घोटाले प्रमाणित कर सकता हूं। 2005 और आज उनकी संपत्ति की जांच हो जाए तो पोल खुल जाएगी। वे मुझ पर मानहानि का दावा दायर करके दिखाएं, मैं प्रमाणित कर दूंगा कि उन्होंने अब तक कितने नोट कमाएं हैं। उन्होंने कहा कि रविवार को शिवराज ने यहां मेडीकल का शिलान्यास किया जबकि न तो इसके लिए बजट में प्रावधान किया गया है और न एमसीआई से इसकी परमीशन ली गई।
विदिशा से खून का रिश्ता : सिंधिया
इस सभा में सबकी नजरें ज्योतिरादित्य पर टिकी हुई थीं, जिनकी बातें सुनने और उन्हें देखने खासतौर पर युवाओं की भीड़ जुटी थी। पार्टी के चुनाव अभियान की इस पहली सभा का सबसे बड़ा आकर्षण भी सिंधिया ही थे। उन्होंने कहा कि विदिशा की जनता से उनका राजनैतिक नहीं बल्कि पारिवारिक रिश्ता है। मेरी दादी (राजमाता सिंधिया) और पिता (माधवराव सिंधिया) के जमाने से विदिशा की माटी से जुड़ाव और खून का रिश्ता रहा है। उन्होंने कहा कि 2002 में मुझे विदिशा की जनता ने जो आशीर्वाद दिया था, वह मैं भूल नहीं सकता।