इंदौर। हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने गुरूवार को मैगनीज खदान मामले में सीबीआई को जांच की स्वतंत्रता दी है। जांच के दायरे में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सहित 28 पक्षकार आएंगे।
झाबुआ [मप्र] और बांसवाड़ा व कुशलगढ़ [राजस्थान] में करीब 25 हजार करोड़ रुपए के अवैध उत्खनन पर हाईकोर्ट में याचिका लगी थी। इस संबंध में दस्तावेजों के आधार पर सीबीआई भोपाल 22 सितंबर 2013 को रिश्वतखोरी का मामला भी दर्ज कर चुकी है।
गुरुवार को हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति शांतनु केमकर व न्यायमूर्ति मूलचंद गर्ग ने कांग्रेसी नेता केके की याचिका पर सुनवाई की। उनके वकील डॉ. मनोहर दलाल ने पक्ष रखा कि भू-माफिया डॉ. सुधीर शर्मा व अन्य को मध्यप्रदेश व राजस्थान सरकार ने संरक्षण देते हुए खदानें फर्जी दस्तावेजों के आधार पर आवंटित कर दी।
पहली मैगनीज खदान मध्यप्रदेश के कजरी डोगरी जिला झाबुआ में है, जबकि दूसरी खदान राजस्थान के बांसवाड़ा और कुशलग़़ढ क्षेत्र में है। यहां सैकड़ों एकड़ भूमि पर अवैध रूप से उत्खनन किया गया। हाई कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा, चूंकि सीबीआई ने प्रकरण दर्ज कर लिया है और प्रारंभिक जांच भी शुरू कर दी है, इसलिए वह याचिकाकर्ता से समस्त दस्तावेज लेकर कानून के दायरे में अनुसंधान पूरा करें।
पांच दिन पहले दर्ज हुआ प्रकरण
कोर्ट में पेश दस्तावेजों के मुताबिक 2012 में डॉ. सुधीर शर्मा के घर पर आयकर विभाग ने छापा मारा था। उनके घर से मिले दस्तावेजों में शर्मा बंधुओं द्वारा इंडिया ब्यूरो माइंस [आईबीएम] सहित अन्य विभागों के अधिकारियों को रिश्वत देने की पुष्टि हुई। छापामार कार्रवाई के दौरान मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा की लाइसेंसी रिवाल्वर भी डॉ. शर्मा के घर से मिली थी। दस्तावेजों के आधार पर सीबीआई भोपाल ने 22 सितंबर 2013 को एफआईआर क्रमांक-2ए/2013 दर्ज किया।
इन पर होगी जांच
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान,
मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा,
राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे,
खनिज मंत्री सुरेश सिंह राठौर,
नोटरी उदयग़़ढ यतीन्द्र नारायण शर्मा,
इंदौर जिला न्यायालय के स्टाम्प वेंडर एमपी नीमा व चंद्रकला वर्मा,
एमजी रोड थाना प्रभारी कन्हैलाल डांगी व अनुसंधान अधिकारी मदनलाल विश्वकर्मा,
तत्कालीन झाबुआ कलेक्टर राजकुमार पाठक,
इस्पात कॉस्टिंग लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर गोपाल जालान,
मेसर्स एसआर फैरो अलाय,
भोपाल के अधिकृत भागीदार डॉ. सुधीर शर्मा,
बृजेन्द्र शर्मा,
भागीदार राजेंद्र नायक,
भागीदार जय कुमार सिंह,
नीलेश उपाध्याय,
अंकिता शर्मा,
मध्यप्रदेश के तत्कालीन खनिज सेक्रेट्री एसके मिा,
खनिज अधिकारी झाबुआ जांच के घेरे में हैं।
इन सभी के नामों का उल्लेख याचिका में हैं।