भोपाल। आरटीओ द्वारा नए वाहनों के रजिस्ट्रेशन पर रोक लगाए जाने के बाद करीब अब शहर के डीलरों ने कोर्ट जाने का मन बना रहे है। वहीं, नए वाहन खरीद चुके वाहन मालिकों को रजिस्ट्रेशन नहीं होने से कई तरह की दिक्कत पैदा हो सकती है।
न तो डीलर द्वारा बेची गई गाड़ी का आरटीओ टैक्स जमा होगा और न ही वाहन का भौतिक सत्यापन हो पाएगा । साथ ही गाड़ी का नंबर भी नहीं मिलेगा। ऐसे में यदि नया वाहन चोरी या दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है तो उसका कोई बीमा क्लेम भी नहीं मिलेगा। ऐसे में कौन जिम्मेदार होगा इसका जवाब न तो डीलर दे पा रहे हैं और न ही परिवहन विभाग के अधिकारी।
दूसरी तरफ डीलरों का कहना है कि अचानक एक आॅडिट रिपोर्ट को आधार बनाकर नए वाहनों के रजिस्ट्रेशन पर रोक लगाना ठीक नहीं है और अब त्योहारी सीजन शुरू होने को है। डीलरों का कहना है कि रोजाना शहर में करीब 400 वाहनों की ब्रिकी होती है। ऐसे में यदि रजिस्ट्रेशन पर रोक नहीं हटी तो उनका व्यवसाय 50 प्रतिशत तक चौपट हो सकता है। वाहनों के रजिस्ट्रेशन पर लगी रोक और परिवहन विभाग की आडिट रिपोर्ट को लेकर डीलर कानूनी सलाह ले रहे हैं।
बुधवार या गुरुवार तक इस संबंध में डीलरों की एक बैठक बुलाकर डीलरों से बातचीत कर आगे की रणनीति बनाई जाएगी। वाहन चालकों को दिक्कत: जानकारी के मुताबिक, वाहनों के रजिस्टेशन नहीं होने वाहन खरीदी करने वाले वाहन मालिकों दिक्कत हो सकती है। रजिस्ट्रेशन नहीं होने से न तो आरटीओ में वाहन की टैक्स राशि जमा होगी और न ही वाहन में नंबरप्लेट लगेगी। साथ ही नए वाहन का सत्यापन नहीं नहीं होगा और न ही वाहन का रजिस्ट्रेशन कार्ड बनेगा। ऐसे में यदि वाहन सड़क पर चलता दिखाई देता है और यातायात पुलिस चालानी कार्रवाई करती है तो उसका खामियाजा वाहन मालिकों को वहन करना पडेगा।