गैरतगंज।राकेश गौर। रायसेन जिले की गैरतगंज तहसील स्थित उत्कृष्ट विद्यालय में पदस्थ प्राचार्य डीडी सिंह पूरे षिक्षा विभाग पर भारी पडते दिखाई दे रहे है। म.प्र. व्यापम द्वारा आयोजित की गई परीक्षा में गडबडी की षिक्षा विभाग द्वारा कराई गई जांच में गडबडी प्रमाणित होने के बावजूद विभाग के आला अधिकारी प्राचार्य पर कार्रवाई की हिम्मत नही जुटा पा रहे है। जिससे प्राचार्य के हौसले बुलंदी पर है।
तहसील गैरतगंज अंतर्गत उत्कृष्ट विद्यालय में पदस्थ प्राचार्य डीडी सिंह के विरूद्ध इसी वर्ष माह अप्रेल में म.प्र. व्यावसायिक परीक्षा मंडल द्वारा आयोजित की गई प्रथम पुलिस आरक्षक चयन परीक्षा की गोपनीयता भंग करने एवं व्यापम के नियमों के विरूद्ध नियमित षिक्षकों के स्थान पर प्रायवेट षिक्षकों की परीक्षा जैसे कार्य में डयूटी लगाने की षिकायत म.प्र. जन षिकायत निवारण विभाग को की गई थी। विभाग के निर्देष पर षिक्षा विभाग द्वारा प्राचार्य के विरूद्ध इन बिंदुओं पर कराई गई जांच में षिकायत प्रमाणित पाई गई।
जिसके आधार पर प्राचार्य डीडी सिंह पर कडी अनुषासनात्मक कार्रवाई की अनुषंसा की गई। जांच के इस निष्कर्ष को जनषिकायत निवारण विभाग द्वारा 16 अगस्त को आॅनलाइन पोर्टल पर प्रदर्षित कर षिक्षा विभाग को कार्रवाई के निर्देष दिए गए। परन्तु लगभग एक माह से अधिक का समय गुजर जाने के बाद भी प्राचार्य के विरूद्ध षिक्षा विभाग के अधिकारी कोई कार्रवाई नही कर पाए है। उल्टे विभाग के अधिकारियों ने दोषी प्राचार्य पर मेहरबानी करते हुए दोबारा दिनांक 15 सितंबर को आयोजित की गई व्यापम की द्वितीय पुलिस आरक्षक परीक्षा में केन्द्राध्यक्ष के पद की जिम्मेदारी दे डाली। तथा दागी प्राचार्य के सान्निध्य में उसी विद्यालय में पुनः परीक्षा कराई गई।
आष्चर्य का विषय है कि अनियमितताओं में लिप्त प्राचार्य डीडी सिंह षिक्षा विभाग के नियमों एवं जांच के निष्कर्षो, निर्देषो सब पर भारी पडते दिखाई दे रहे है तथा विभाग के आला अधिकारी उन पर कार्रवाई करने की हिम्मत नही जुटा पा रहे है। यही नही इससे पूर्व भी प्राचार्य डीडी सिंह के विरूद्ध षिक्षा विभाग को उनके विद्यालय संबंधी अनेक अनियमितताओं एवं भ्रष्टाचार की षिकायतें मिलती रही है। परन्तु विभाग के अधिकारियों ने उन पर कार्रवाई की जहमत तक नही उठाई।
इस संबंध में जिला षिक्षा अधिकारी एसपी त्रिपाठी से पूछे जाने पर उनका कहना है कि प्राचार्य डीडी सिंह के विरूद्ध कराई गई जांच में षिकायत के सारे बिन्दु प्रमाणित हुए है तथा वे दोषी पाए गए है, हमारी ओर से कार्रवाई प्रस्तावित कर लोक षिक्षण संचालनालय म.प्र. को भेजी गई है तथा प्राचार्य के विरूद्ध कार्रवाई उसी स्तर से होना है।