और टोपी उलटी बैठ गई

shailendra gupta
राकेश दुबे@प्रतिदिन। देश की राजनीति घटिया तरीकों पर चल रही है | पिछले दो दिन में कुछ  उल्लेखनीय वाकये हुए भावेश पटेल ने नेशनल इन्वेस्तीकेतिंग एजेंसी को पत्र लिखकर कहा कि कांग्रेस के कुछ नेताओं ने उसे संघ के अधिकारियों का नाम जोड़ने के लिए रिश्वत देने की पेशकश की थी |
कल दिग्विजय सिंह ने बुर्के का बिल दिखा कर एक नई सनसनी पैदा करने की कोशिश की | आज नरेंद्र मोदी ने  और आगे की बात कह दी कि कांग्रेस नहीं लोकसभा चुनाव सी बी आई  लड़ेगी | यह सब क्या है ? अगर लेश मात्र भी इन तीनो वाकयों और बातों में सच्चाई है , तो ये प्रजातंत्र के लिए दुर्भाग्य है |

भारत के सर्वोच्च न्यायलय सी बी आई के बारे में जो टिप्पणी की थी | उसके बाद उसके रवैये में थोडा सुधार हुआ था | अब जो कुछ भी होगा, उसके मत्थे मढने से कोई भी पीछे नहीं रहेगा और विश्वसनीयता उस एजेंसी की खराब होगी | जैसे एन आई ए के बारे में बातें हो रही है | एन आई ए ने उन लोगों को भावेश पटेल से मिलने की अनुमति कैसे दी, जो भावेश के पास पेशकश ले गये थे ? प्रश्न गंभीर है |

बुर्के और टोपियों को मजाक बना दिया है | जाली बिल बनवाना अपराध है और उससे जुडी भावना से खिलवाड़ और बड़ा अपराध है | इज्जत के चिन्हों की सरेआम बेइज्जती, ये कैसे खेल हैं ? सभा में इस तरह आने की गुजारिश गलत है और जाली दस्तावेज दिखाना भी कुछ ज्यादा ओछा काम है | चलताऊ भाषा में इसे ही उलटी टोपी बैठना कहते हैं |शुक्र मानिये तीसर विकल्प नहीं है, वरना टोपी तो दोनों को जनता लगा देती |

  • लेखक श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।
  • संपर्क  9425022703
  • rakeshdubeyrsa@gmail.com

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!