जयपुर। अजमेर दरगाह पर हुए बम धमाके के आरोपी भावेश पटेल की एक चिट्ठी ने इस ओर इशारा कर दिया है कि भारत में हिन्दू आतंकवाद के सूत्र संचालक दिग्विजय सिंह हैं। उन्होंने खुद यह षडयंत्र रचा और हिन्दू नेताओं को इस मामले में फंसाया। केन्द्र सरकार ने इसमें उनकी मदद की।
अजमेर दरगाह बम ब्लास्ट के आरोपी भावेश पटेल ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री सुशील शिंदे और कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह सहित चार कांग्रेस नेताओं ने इस मामले में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत व इंद्रेश कुमार को फंसाने के लिए दबाव डाला था।
इस संबंध में उसने एनआईए की विशेष कोर्ट को चिट्ठी लिखी है। इसमें कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह, गृह राज्यमंत्री आरपीएन सिंह और कोयला मंत्री प्रकाश जायसवाल पर भी दबाव डालने का आरोप लगाया है। पटेल ने पत्र में कहा है कि जब उसे एनआईए द्वारा गिरफ्तार किए जाने का आभास हुआ तो वह अपने गुरु के संभल (उप्र) स्थित आश्रम में चला गया था। गुरु ने दिग्विजय सिंह से मिलवाया था।
इसके बाद शिंदे, जायसवाल और आरपीएन सिंह से मुलाकात हुई। इन लोगों ने एनआईए अधिकारियों से मिलवाया और कहा कि जैसा हम कहें वैसा बयान दोगे तो तुम्हे बचा लेंगे। उन्होंने कहा था कि तुम्हें कोर्ट में बयान देना होगा कि अजमेर ब्लास्ट की साजिश में भागवत और संघ पदाधिकारी इंद्रेश कुमार शामिल थे। लेकिन मैंने कोर्ट में यह बयान नहीं दिया। इसके बाद एनआईए अफसरों ने प्रताडि़त करना शुरू कर दिया।
गौरतलब है कि भावेश अलवर जेल में बंद था। वहां उसने एनआईए अफसरों के खिलाफ अनशन शुरू कर दिया था। तबीयत बिगडऩे पर उसे यहां एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया। उसने यहीं से यह चिट्ठी अदालत को भेजी।