भोपाल। हाल ही में पास हुए डीएड अभ्यर्थियों को संविदा शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में शामिल किए जाने का विरोध शुरू हो गया है। सचिन भटनागर का कहना है कि यह असंवैधानिक है एवं इसे तत्काल रोक दिया जाना चाहिए।
भोपालसमाचार.कॉम को भेजे एक ईमेल में सचिन भटनागर ने लिखा है कि
संविदा शाला शिक्षक वर्ग 3 की भारती प्रक्रिया के संदर्भ में निम्न प्रश्न हैं जो किसी घोटाले अथवा किसी षड़यंत्र की और इशारा करते हैं
१) परीक्षा दिनांक १८/दिसम्बर /२०१३ के बाद जिन आवेदकों ने शिक्षण प्रशिक्षण सम्बन्धी योग्यता(डी.एड अथवा समकक्ष योग्यता) प्राप्त की है वे किस आधार पर वर्तमान भर्ती प्रक्रिया में किस शासकीय आदेशअनुसार प्राथमिकता पाने योग्य हैं ?
२ ) क्या शासन ने ये आदेश जारी किया कि कोई भी आवेदक यदि परीक्षा दिनांक १८/दिसम्बर /२०१३ के बाद भी डी.एड अथवा समकक्ष योग्यता प्राप्त करता है तो वह भर्ती प्रक्रिया में प्राथमिकता पाने योग्य होगा ? यदि ऐसा कोई आदेश शासन द्वारा सार्वजनिक होता तो सभी उत्तीर्ण आवेदक डी.एड अथवा समकक्ष योग्यता प्राप्त कर लेते।
३) क्या किसी भी शासकीय भर्ती अधिनियम में यह प्रावधान है की आवेदक यदि परीक्षा दिनांक के उपरांत कोई अन्य योग्यता प्राप्त कर लेता है तो उसे भारती प्रक्रिया में प्राथमिकता दी जाएगी ? यदि है तो शासन ने अब तक ये सर्कुलर जरी क्यों नहीं किया ? क्या ये भी भारती नियमों का उल्लंघन नहीं है ?
४) शिक्षा का अधिकार अधिनियम के प्रावधान २३(२) के अनुसार पर्याप्त संख्या में डीएड अथवा समकक्ष योग्यताधारी न मिलने पर राज्य शासन केंद्र के अनुशंसा पर अप्रशिक्षित आवेदको को भी भर्ती प्रक्रिया में सम्मिलित कर सकती है, तो मध्य प्रदेश सरकार ने क्या केंद्र से अप्रशिक्षित आवेदको को भी भर्ती प्रक्रिया में सम्मिलित करने की अनुमति मांगी है ? यदि अब तक नहीं तो आखिर क्यों ?
5 ) क्या फर्जी तरीकों से भर्ती प्रकिर्या पूर्ण करने के बजाये सरकार अप्रशिक्षित आवेदको को भी भर्ती प्रक्रिया में सम्मिलित क्यों नहीं कर रही है?
Warm Regards,
Sachin Bhatnagar
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