भोपाल। शिवपुरी के जिला शिक्षा अधिकारी देशलहरा ने भोपालसमाचार.कॉम से बातचीत में कहा कि शिवपुरी 50वें नंबर पर है और यह मेरे लिए बहुत शर्मनाक है। हमें कुछ ठोस प्रयास करने होंगे और हम इस दिशा में काम कर रहे हैं।
सनद रहे कि एक घोषणा पत्र विवादों में था एवं जिला शिक्षा अधिकारी पर आरोप था कि यह उनके द्वारा दबाव बनाकर भरवाया जा रहा है। इस संदर्भ में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि मेरे जीवन में यह पहली बार हुआ है कि परीक्षा परिणाम इतने खराब रहे। शिवपुरी कोई आदिवासी इलाका नहीं है जहां पर इस तरह के परीक्षा परिणामों की उम्मीद की जाए।
उन्होंने कहा कि हम संयुक्त रूप से शिवपुरी जिले के परीक्षा परिणाम सुधारने की प्रक्रिया पर काम कर रहे हैं एवं हम चाहते हैं कि सभी शिक्षक एवं अध्यापक साथी इस मुहिम में पूरी तरह से जुट जाएं। श्री देशलहरा ने कहा कि यह शिवपुरी के शिक्षा विभाग के सम्मान का विषय है। इतने खराब परीक्षा परिणाम इससे पूर्व कभी नहीं रहे। विभाग को यदि अपना सम्मान वापस चाहिए तो सभी को एक साथ जुट जाना होगा।
श्री देशलहरा ने सभी संविदा शिक्षकों एवं अध्यापकों से अपील की है कि वो शिक्षा विभाग के सम्मान के लिए एकजुट होकर इस दिशा में काम करें ताकि हम भी मध्यप्रदेश में अव्वल पोजीशन तक पहुंच सकें।
सनद रहे कि एक घोषणा पत्र विवादों में था एवं जिला शिक्षा अधिकारी पर आरोप था कि यह उनके द्वारा दबाव बनाकर भरवाया जा रहा है। इस संदर्भ में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि मेरे जीवन में यह पहली बार हुआ है कि परीक्षा परिणाम इतने खराब रहे। शिवपुरी कोई आदिवासी इलाका नहीं है जहां पर इस तरह के परीक्षा परिणामों की उम्मीद की जाए।
उन्होंने कहा कि हम संयुक्त रूप से शिवपुरी जिले के परीक्षा परिणाम सुधारने की प्रक्रिया पर काम कर रहे हैं एवं हम चाहते हैं कि सभी शिक्षक एवं अध्यापक साथी इस मुहिम में पूरी तरह से जुट जाएं। श्री देशलहरा ने कहा कि यह शिवपुरी के शिक्षा विभाग के सम्मान का विषय है। इतने खराब परीक्षा परिणाम इससे पूर्व कभी नहीं रहे। विभाग को यदि अपना सम्मान वापस चाहिए तो सभी को एक साथ जुट जाना होगा।
श्री देशलहरा ने सभी संविदा शिक्षकों एवं अध्यापकों से अपील की है कि वो शिक्षा विभाग के सम्मान के लिए एकजुट होकर इस दिशा में काम करें ताकि हम भी मध्यप्रदेश में अव्वल पोजीशन तक पहुंच सकें।