Daughter Day पर विशेष |
हबीब सिद्दीकी. आज डॉटर डे यानि की बेटी दिवस है सोचा अपनी बेटी को मुबारकबाद दे दूँ फिर सोचा कुछ लिखा जाय आज के जो हालात रोज़मर्रा की जि़न्दगी मै जो देखने को मिलता है उनको बस कागज़ पर उतर दिया इन शब्दों के साथ ;ज़माने भर मै बड़ी घर की शान बेटी से .महकता रहता है दिल का जहान बैटी से .ज़रूरी ये नहीं बेटों से नाम रोशन हो .मेरे नबी चला खानदान बेटी से !
लाख कानून बन जाएं पर हमारे लोकतान्त्रिक देश मै हमारी आपकी बेटियां क्या सुरखचित है ?रोज़ मर्रा के जीवन मै कितनी ही ऐसी घटनाएँ एक आम लड़की के जीवन मै आये दीन होती है !जिनमे सड़क पर चलती बेटियों पर गंदी फब्तियां कसना धक्का मुक्की या शरीर पर हाथ मारना या सीटियाँ बजाना या फीर फिल्मो के अशलील गाने आदि क्या ये सब घटनाएँ एक बड़े हादसे के शुरुआती क़दम नहीं है ? जऱा सोचें इन सब घटनाओं से रोजाना 2 -4 हो कर हमारी बिटिया घर लोटती है वह भी सहमी हुई इस दर खोफ को सिने मै छुपाये की घर वालों को बताया तो लड़ाई झगडे या फीर उनके घरों से निकालने पर पाबन्दी न लग जाये एक लड़की या महिला के लिये ये किसी हरहर फिल्म से कम नहीं जिसमे वह खुद को फिल्म मै चल रही लड़की पर हो रहे आघातों को खुद पर महसूस करती है !
जो जाहीर नहीं किया जा सकता बल्कि महसूस किया जा सकता है पर वह मजबूरी मै अपने आप को ये सोच कर समझा लेती है हाँ मै हि मतवाली हूँ जो पूरी हि मत के साथ हर दिन घर से निकलती है लेकिन कमज़ोर और डरे दिल से और हर दिन उसके लिये बीते दिन से खोफनाक होता जाता है !अभी दिल्ली गैंग रैप को 8 माह का ही समय बिता है आरोपियों को सजा भी जो लोग मांग रहे थे मिल गयी पर दिल्ली अभी दूर है !बड़ा शोर मचा नये कानून और सुरक्षा की बड़ी बड़ी बातें हुईं पर क्या बेटियों के साथ घिनोने अपराधों मै कोई कमी आई नहीं सोचना होगा हर दिन अख़बारों की सुर्खियाँ बनने वाली दुष्कीर्त व यौन शोषण का शिकार लडकियाँ किसी की बहन बेटी या माँ होती है !वो बेटी ही है जो एक साथ समाज मे कई रिश्तों का निर्वाहन करती है पर कभी इस समाज नै सोचा नहीं न की इस खौफऩाक माहोल मै ये स भव है नहीं पर अब समय आ गया है हमको सोचना होगा सिर्फ कानून और पुलिस पर जवाब देही छोड़ देने से मसला हल नहीं होगा हमे आगे आना होगा इस समाज के दरिंदों से डर कर नहीं खुल कर मुकाबला ! आप आगे तो बड़ो कारवाँ अपनेआप बढता जायगा अगर कोई आपके सामने ऐसी घिनोनी घटना करने की कोशिश करे तो आप ये न सोचें की मामला घर परिवार का नहीं है बेटी आखिर किसी की बेटी तो होगी न अगर आप आगे न आये तो यकीन किजिऐ वो दिन दूर नहीं जब ये दरिन्दे आप के घर परिवार तक न पहुँच जायें नतीजा फीर एक दामनी की चिता आपके नज़दीक से न उठे आप ये सोचकर ही सिहरउठंगे हम अगर आज डॉटर डै पर अपनी लाड़ली को दिल से दुआ दें तो उससे पहले अपने बेटों को भी येह सलाह दें की राह चलती बेटी भी किसी की बेटी बहन और माँ है !उसको भी खुली हवा मै निडर जीवन जीने का हक़ है उसपर गन्दी फब्तियां कसकर या रेप करके उससे जीने का हक़ न छिने अगर कोई उसके सामने ऐसा करे तो अपनी जान पर खेल कर उसे बचाने की कोशिश करे तभी हम समाज मै बेटियों को उनका हक व स्वतंत्रता दे पायंगे वरना ये लचर कानून एवं पुलिस विय्व्स्था एवम कुंठीत समाज मै आज जो बेटियों की जो दुर्दशा देखने मै आ रही है कल इससे भी भयावह होगा
गंगा गीता गायत्री है बेटियां
सीता सत्या सावित्री है बेटियां
दुर्गा लक्ष्मी सरस्वती है बेटियां
इनको न केवल पूजना है बल्कि बचाना भी है
......इसी आशा के साथ देश की सभी बेटियों को हैप्पी डॉटर डे की शुभकामनाएँ की वह स्वालंबी बने और देश का नाम रोशन कर सके !!!