नई दिल्ली। कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी को सोमवार को अपने ISI वाले बयान पर चुनाव आयोग को 11:30 बजे तक जवाब देना था लेकिन अब उन्होंने चुनाव आयोग से एक हफ्ते का समय और मांगा है। भाजपा ने सांप्रदायिकता फैलाने का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग से इसकी शिकायत की थी।
मध्यप्रदेश के इंदौर की रैली में आईएसआई के बारे में दिए गए बयान पर सफाई देने के लिए राहुल गांधी ने चुनाव आयोग से 7 दिन का समय मांगा है। भाजापा ने चुनाव आयोग से राहुल पर इन भाषणों से सांप्रदायिकता भड़काने की कोशिशों का आरोप लगाते हुए कई अलग-अलग शिकायतें की थी।
इस मामले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा नेता सत्यपाल देव ने कहा है, 'राहुल गांधी को दो दिन से ज्यादा समय नहीं देना चाहिए। हम लोग दोपहर तक चुनाव आयोग को पत्र लिखेंगे और जरूरत होगी तो मिलेंगे भी।'
राहुल गांधी को राजस्थान के चुरू और मध्यप्रदेश के इंदौर में जनसभा में दिए गए भाषणों में चुनाव आचार संहिता के आरोपों को लेकर चुनाव आयोग से मिले नोटिस का आज 11.30 बजे तक जवाब देना था।
भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव आयोग से राहुल गांधी पर इन भाषणों से सांप्रदायिकता भड़काने की कोशिशों का आरोप लगाते हुए कई अलग-अलग शिकायतें की हैं। इस संबंध में भाजना ने अपने छह पन्नों की शिकायत में यह भी लिखा कि राहुल ने इंदौर में कहा था कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई मुजफ्फरनगर दंगों के पीड़ित मुस्लिम युवकों के संपर्क में है।
गौरतलब है कि अपनी चुनावी रैलियों में राहुल गांधी ने मुजफ्फरनगर दंगों को मुद्दा बनाया था। राहुल गांधी ने इंदौर की अपनी एक रैली में कहा था, 'भाजपा समझती है कि जब तक उत्तरप्रदेश में हिंदू-मुस्लिम का मुद्दा नहीं होगा, वह अच्छा नहीं कर सकेगी। इसलिए वह आग लगाती है और उसे बुझाना कांग्रेस को पड़ता है।'
भाजपा ने चुनाव आयोग से शिकायत की कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने हिन्दुओं और सिखों तथा हिन्दुओं और मुसलमानों के बीच कथित ‘नफरत और तनाव’ फैलाने वाले भाषण दिए हैं और ‘साम्प्रदायिक भावनाओं’ के आधार पर कांग्रेस को वोट देने की मांग करके आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया है। पार्टी ने कहा कि इसके लिए राहुल के विरुद्ध कार्रवाई के साथ कांग्रेस पार्टी की मान्यता वापस ली जानी चाहिए। (एजेंसी)