एक लाख 46 हजार करोड़ से अधिक का घोटाला: कांग्रेस का आरोप-पत्र जारी

shailendra gupta
भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के पांच साल के शासनकाल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, उनके मंत्रियों, भाजपा नेताओं ने भ्रष्टाचारियों और सत्ता के दलालों से सांठगांठ कर एक लाख छियालिस हजार सत्ततर करोड़ का घोटाला कर मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार का एक नया इतिहास बनाया।

प्रदेश के इतिहास में इस सबसे बड़े घोटाले की शिवराज सरकार ने प्रदेश को 92 हजार करोड़ रूपये का कर्जदार बना दिया। स्वर्णिम मध्यप्रदेश बनाने का दावा करने वाले खुद स्वर्णिम बन गए और प्रदेश को कंगाल बना दिया।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव श्री दिग्विजय सिंह, प्रदेश प्रभारी श्री मोहन प्रकाश, केन्द्रीय मंत्री एवं पर्यवेक्षक श्री हरीश रावत, अखिल भारतीय सचिव एवं प्रदेश प्रभारी श्री राकेश कालिया, मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री कांतिलाल भूरिया और आरोप पत्र समिति के अध्यक्ष श्री अजय सिंह ने भाजपा सरकार के खिलाफ आरोप-पत्र जारी करते हुए यह खुलासा किया।

मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा जारी आरोप-पत्र में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, उनके परिजनों सहित मंत्रियों और उनके घोटालों के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि पिछले पांच साल में
भाजपा और शिवराज सिंह चौहान का एक ही उद्देश्य
मिलकर लूटो मध्यप्रदेश
प्रदेश की साढ़े सात करोड़ जनता के साथ पहली बार इतना बड़ा धोखा हुआ है जो भाजपा सरकार ने उसके साथ किया।

आरोप-पत्र में सत्रह प्रमुख घोटालों का जिक्र किया गया है। इनमें
  1. नागेन्द्र सिंह के भतीजों द्वारा मनरेगा में तीस करोड़ रूपये का घोटाला,
  2. बिना टेंडर की बिजली खरीदी में बत्तीस हजार एक सौ नौ करोड़ रूपये का घोटाला,
  3. समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी में सवा तीन करोड़ रुपये का घोटाला,
  4. पिछले तीन साल में पड़े छापों में एक हजार इकत्तीस करोड़ रुपये की काली कमाई,
  5. लोक निर्माण विभाग में बीस करोड़ का घोटाला,
  6. कुपोषण दूर करने के नाम पर छः सौ करोड़ रुपये का घोटाला,
  7. अवैध उत्खनन कर पचास हजार करोड़ की काली कमाई,
  8. सरकारी खजाने में 50 हजार करोड़ की हेराफेरी,
  9. दीनदयाल उपचार योजना में पैंसठ करोड़ रुपये का घोटाला,
  10. स्वास्थ्य विभाग में पांच सौ करोड़ का दवा घोटाला,
  11. किसानों की कर्ज माफी में एक सौ आठ करोड़ रूपये का घोटाला,
  12. जल संसाधन विभाग में नियम विरुद्ध टेंडर मंजूर करने में पांच हजार करोड़ रुपये का घोटाला,
  13. मुख्यमंत्री के स्वेच्छानुदान में छियात्तर करोड़ रुपये का घोटाला,
  14. गेमन इंडिया को सरकारी जमीन देने में पांच हजार दो सौ पचास करोड़ रुपये का घोटाला,
  15. तेंदूपत्ता बोनस वितरण में दो सौ साठ करोड़ रुपये का घोटाला,
  16. देवपुत्र और ब्लेक बोर्ड पुताई में पच्चीस करोड़ रुपये घोटाले के साथ ही
  17. चुनाव के मात्र एक हफ्ते पूर्व पंचायत विभाग में एक हजार करोड़ घोटाला करने का आरोप भाजपा पर लगाया गया है।

आरोप-पत्र में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के परिजनों द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की जानकारी भी दी गई है। इसमें
मुख्यमंत्री की पत्नी द्वारा विदिशा में अवैध रूप से गोदाम बनाने,
डम्पर के नाम पर भ्रष्ट कमाई करने,
मुख्यमंत्री के साले और भतीजे द्वारा नियम विरुद्ध ठेकेदारी का पंजीयन कराने,
साले द्वारा कौडि़यों के मोल लाखों का बंगला खरीदने
गृह निर्माण सोसायटी के अवैधानिक रुप से लोगों के प्लाट हड़पने और
बुधनी में मुख्यमंत्री के भाई, भतीजों द्वारा आदिवासियों एवं अनुसूचित जाति के लोगों की जमीन जबरन खरीदने की जानकारी दी गई है।

आरोप-पत्र में प्रदेश सरकार के चौदह वर्तमान एवं पूर्व मंत्रियों पर लोकायुक्त के दर्ज प्रकरणों की जानकारी देने के साथ ही लोकायुक्त द्वारा सार्वजनिक रूप से यह बयान देने का उल्लेख है कि सरकार लोकायुक्त में दर्ज मंत्रियों की जांच करने के लिए दस्तावेज उपलब्ध नहीं करा रही है।

आरोप-पत्र में मुख्यमंत्री की घोषणाओं का हश्र क्या हुआ इसकी जानकारी दी गई है जिसमें अधिकांश ऐसी घोषणाएं है जो किसानों को लुभाने के लिए की गई लेकिन उसे पूरा नहीं किया गया। शिवराज सरकार की कथनी-करनी का उदाहरण पेश किए गए है।

आरोप-पत्र में बताया गया है कि किस तरह व्यवसायिक शिक्षा में व्यापमं जैंसे घोटाले कर और शासकीय नौकरियों में भ्रष्टाचार कर प्रदेश के बीस लाख युवा बेरोजगारों को छला गया। किसानों के साथ अल्पसंख्यकों के साथ, मजदूरों को पिछले पांच साल में सिर्फ धोखा दिया गया।

केन्द्र से मिली राशि का भ्रष्टाचार में उपयोग-कांग्रेस नीत केन्द्र सरकार से मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार को चार लाख उनचालिस हजार चार सौ सात करोड़ रुपये से अधिक राशि प्राप्त हुई, लेकिन सरकार ने इस पूरी राशि का दुरुपयोग किया और इसे भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिया। इतने बड़े पैमाने पर मिली इस राशि का अगर यह सरकार विकास पर खर्च करती तो सचमुच ही यह प्रदेश स्वर्णिम बन जाता और प्रदेश बयानवे हजार करोड़ रुपये के कर्ज में डूबने से बच जाता।

भाजपा नेता भी कहते है सरकार भ्रष्ट और जनता त्रस्त है

कांग्रेस पार्टी द्वारा जारी आरोप-पत्र में कहा कि जो बातें इस दस्तावेज में कहीं गई है उसकी पुष्टि स्वयं वर्तमान राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुश्री उमा भारती ने की है। इसके साथ भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और पार्टी में हाशिए पर डाल दिए गए लालकृष्ण आडवाणी ने स्वयं अपनी चिट्ठी में माना कि भाजपा अपने रास्ते और सिद्धांतों से भटक गई है। इसके अलावा प्रदेश के मंत्रियों, भाजपा नेताओं ने समय-समय पर सरकार को कठघरे में खड़ा किया।

  • मध्यप्रदेश विधानसभा में नेताप्रतिपक्ष श्री अजय सिंह के कार्यालय से जारी प्रेसरिलीज

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