यहां तो एक ही घर में आ गए दोनों पार्टियों के टिकिट

shailendra gupta
खरगोन। मध्यप्रदेश के खरगोन जिले में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस पार्टी द्वारा दो सगे भाईयों को चुनावी मैदान में उतारे जाने से दोनों ही पार्टी के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों में जमकर आक्रोश है।

जिले की बडवाह विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस ने राजेन्द्र सिंह सोलंकी को अपना उम्मीदवार घोषित किया है. इसके बाद भाजपा ने हितेन्द्र सिंह सोलंकी को तीसरी बार टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा है. राजेन्द्र और हितेन्द्र दोनों सगे भाई है इन दोनों की उम्मीदवारी से कांग्रेस और भाजपा के कार्यकर्ताओं में कोई उत्साह नहीं है बल्कि दोनों का विधानसभा क्षेत्र में भारी विरोध हो रहा है.

इस विधानसभा क्षेत्र से नामांकन पत्र दाखिल करने के अंतिम दिन गुर्जर समाज के कई निर्दलीय प्रत्याशियों ने भी नामांकन पत्र दाखिल किए है. गुर्जर बहुल्य विधानसभा क्षेत्र बडवाह में आज समाज की बैठक में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि दोनों भाईयों के खिलाफ जीतने योग्य एक प्रत्याशी को चुनाव मैदान में खड़ा रखा जाए.

कांग्रेस के नाराज पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी खुलेआम इस उम्मीदवार के समर्थन में चुनाव प्रचार करेगें क्यों कि चुनाव के बाद बगावत करने वालों के खिलाफ पार्टी द्वारा कभी भी ठोस कार्रवाई नहीं की जाती बल्कि उन्हें उपकृत किया जाता है.

युवा कांग्रेस नेता विजय पटेल और मप्र कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के प्रदेश सचिव सुरेश सोलंकी ने आरोप लगाया कि राजेन्द्र सिंह सोलंकी पिछले 10 वर्षो से भाजपा का काम कर रहे है. उन्होनें पिछले दोनों चुनाव में अपने छोटे भाई भाजपा प्रत्याशी हितेन्द्र सिंह सोलंकी के पक्ष में चुनाव प्रचार किया कांग्रेस पार्टी ने राजेन्द्र सिंह सोलंकी को निष्कासित कर दिया था इसके बावजूद पार्टी ने उन्हें टिकट दे दिया है.

उन्होंने कहा कि यह हम जैसे मैदानी कार्यकर्ताओं के साथ भारी अन्याय है यहां तक की भीकनगांव से श्रीमती झूमा सोलंकी और खरगोन से रवि जोशी को भी टिकट दिया है इन्हें भी गत चुनाव में पार्टी ने निष्कासित कर दिया था यदि इन निष्कासित लोगों को कांग्रेस से टिकट मिल सकता है तो हम भी इस चुनाव में खुलेआम बगावत करके चुनाव लडेगें और कांग्रेस को बचाएंगे.

इसी प्रकार भाजपा प्रत्याशी हितेन्द्र सिंह सोलंकी को लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं में भारी असंतोष है भाजपा के पदाधिकारियों ने भी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में विरोध स्वरूप नामांकन पत्र दाखिल किए है. चुनाव प्रचार कैसे किया जाए इसको लेकर अब इन दोनों भाईयों में असमंजस की स्थिति बन गई हैं.

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