भोपाल। मध्यप्रदेश में सात जिलों में सभी 19 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित हैं। राज्य में कुल 230 विधानसभा सीटें हैं। इनमें से 148 सामान्य वर्ग के लिए, 35 अनुसूचित जाति और 47 अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए सुरक्षित हैं।
निर्वाचन आयोग की ओर से मुहैया कराये गये आंकड़ों के विश्लेषण से यह तथ्य सामने आये हैं। आंकड़ों के मुताबिक बडवानी जिले में चार, शहडोल, मंडला और झाबुआ जिले में तीन-तीन सीट और उमरिया, डिंडोरी और आलिराजपुर जिले में दो-दो सीटें अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए सुरक्षित हैं।
इसी तरह से दो जिले ऐसे हैं, जिसके तहत आने वाली सभी पांचों सीट सामान्य हैं। इसमें श्योपुर जिले की श्योपुर, विजयपुर और नीचम जिले के तहत आने वाली मनासा, नीमच और जावद शामिल हैं।
उधर प्रदेश की अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित 35 सीटें 33 जिलों के तहत आती हैं। इनमें से दो जिले सागर और उज्जैन में अनुसूचित जाति के लिए दो-दो सीटें सुरक्षित हैं। वर्तमान में सत्तारूढ़ दल भाजपा का राज्य की 148 सामान्य सीटों में से 93 पर, अनुसूचित जाति की 35 में से 31 पर और अनुसूचित जनजाति की 47 में से 28 सीटों पर कब्जा है। राजनैतिक प्रेक्षकों का कहना है कि राज्य में सत्ता पर काबिज होने के लिए अनुसूचित जाति और जनजाति की सीटों पर विजय का काफी महत्व है। इसलिए इन 82 सीटों पर विजय हासिल करने के लिए दोनों ही प्रमुख दल भाजपा और कांग्रेस काफी जोरआजमाइश करते हैं।