भोपाल। नामांकन वापसी के आखरी दिन आज कांग्रेस के दो नामांकन निरस्त हो गए, एवं एक सीट पर अभी तक यह तय नहीं हो पाया है कि कांग्रेस का अधिकृत प्रत्याशी कौन है।
अशोकनगर विधानसभा क्षेत्र से जजपाल सिंह जज्जी मैदान से बाहर हो गए हैं। दरअसल, जाति प्रमाण पत्र सही नहीं पाए जाने के बाद उनका भी नामांकन निरस्त कर दिया गया है।
उधर, देवसर से कांग्रेस की ओर से प्रत्याशी बनाए गए एचएल प्रजापति का सरकारी नौकरी से इस्तीफा मंजूर नहीं होने के कारण भी कांग्रेस को अपना प्रत्याशी खोना पड़ा है। हालांकि ऐन वक्त पर कांग्रेस ने वंशमणि वर्मा को बी फार्म दिया था, लेकिन उसमें भी त्रुटि रह गई या समय पर पेश नहीं हो सका, लिहाजा उन्हें चुनाव आयोग ने निर्दलीय माना है।
यहां दिलचस्प बात यह है कि आलोट से सांसद प्रेमचंद गुड्डू के बेटे अजीत बोरासी न चाहते हुए भी कांग्रेस के प्रत्याशी बन गए हैं। यहां से कमल परमार का नामांकन पहले ही रिजेक्ट किया जा चुका है। कांग्रेस खासकर राहुल गांधी के स्पष्ट निर्देश थे कि सांसद पुत्र को टिकट न दिया जाए, लेकिन श्री गुड्डू ने कुछ ऐसी बिसात बिछाई कि कमल परमार मैदान से आउट हो गए ओर उनके बेटे कांग्रेस के प्रत्याशी बन गए। यह मामला कांग्रेस हाईकमान तक जा पहुंचा है एवं अभी तक तय नहीं हो पाया है कि चुनाव चिन्ह आवंटित होने के बावजूद अजीत को कांग्रेस का अधिकृत प्रत्याशी माना जाए या नहीं।
उधर, देवसर और अशोकनगर से कांग्रेस के पास अब कोई अपना उम्मीदवार नहीं रह गया है। लिहाजा उसे अब 228 सीटों पर ही चुनाव लडऩा होगा। देवसर से वंशमणि वर्मा कांग्रेस से टिकट चाहते थे, लेकिन अजय सिंह इस बात के लिए राजी नहीं थे। वंशमणि ने यहां से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन जमा किया था। हालांकि जब एचएल प्रजापति का नामांकन निरस्त होने के आसार बने, तो आनन-फानन में वंशमणि को कांग्रेस ने बी फार्म दिया, लेकिन तब तक देरी हो चुकी थी। यानी यहां से अब कांग्रेस का कोई उम्मीदवार नहीं बचा।
अशोकनगर में भी कुछ ऐसा ही हुआ। यहां से जजपाल सिंह जज्जी प्रत्याशी थे, लेकिन जाति प्रमाण पत्र सही नहीं पाए जाने पर उनका नामांकन निरस्त कर दिया गया। जज्जी के जाति प्रमाण पत्र का मामला कोर्ट में विचाराधीन है। उन्होंने इसी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर वर्ष, 2009 में नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव जीता था। हालांकि तब छानबीन समिति ने उनका जाति प्रमाण पत्र गलत माना था। जज्जी इस मामले को लेकर कोर्ट गए थे, जहां से उन्हें स्टे मिला हुआ है। सोमवार को रिटर्निंग आफिसर एमएल सिसोदिया ने जब उनके नामांकन को निरस्त किया, तो कांग्रेस कार्यकर्ता भड़क गए और कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन करने लगे।