राइट टू रिजेक्ट यूज करने वालों के नाम गोपनीय रहेंगे

shailendra gupta
भोपाल। चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव के दौरान नोटा के संबंध में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को निर्देश दिए हैं। निर्देश में कहा गया है कि नोटा का उपयोग यदि कोई मतदाता करना चाहता है तो मतदाता के इस निर्णय की गोपनीयता का उल्लंघन किए बिना उपयोग होना चाहिए।

इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में चुनाव में खड़े उम्मीदवारों के नाम के बाद नोटा का चिन्ह होगा। नोटा को उसी भाषा में लिखा जाएगा, जिस भाषा में उम्मीदवार के नाम लिखे गए हैं। यदि चुनाव में 12 उम्मीदवार खड़े हैं तो ईवीएम के 13वें पैनल में ‘इनमें से कोई नहीं’ होगा और 13वें पैनल के सामने वाला बटन भी खुला होगा। यदि चुनाव मैदान में 16 उम्मीदवार हैं तो ‘इनमें से कोई नहीं’ पैनल के लिए पहली मतपत्र इकाई (बैलेट यूनिट) के साथ अतिरिक्त मतपत्र इकाई जोड़ी जाएगी।

मतगणना के दौरान उम्मीदवार को प्राप्त होने वाले मत की संख्या को कॉलम 2 और 3 में दिखाया जाएगा। इन्हीं कॉलम में ‘इनमें से कोई नहीं’ को प्राप्त कुल मत को भी दिखाया जाएगा। यह संख्या मतदान केन्द्रवार प्रदर्शित की जाएगी। कुल मतगणना होने के बाद जिस तरह अन्य अभ्यथिर्यों की मत संख्या को प्रदर्शित किया जाएगा, उसी तरह ‘इनमें से कोई नहीं’ के लिए दिए गए कुल मत को प्रदर्शित किया जाएगा।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने पीठासीन अधिकारी और मतदान अधिकारी को नोटा के संबंध में चुनाव आयोग द्वारा जो निर्देश दिए गए हैं, उसके बारे में भी प्रशिक्षण के दौरान यह जानकारी देने के लिए कहा है। नोटा के संबंध में चुनाव आयोग ने (नियम 49-ण) का विशेष उल्लेख किया है। इस निर्देश में कहा गया है कि यदि किसी भी मामले में नोटा के संबंध में दिए गए मतों की संख्या चुनाव में खड़े अन्य खड़े उम्मीदवार को प्राप्त मतों से अधिक है तो नियम 64 के प्रावधान के अनुसार अन्य उम्मीदवारों के बीच जिस उम्मीदवार को अधिक मत प्राप्त हुए हैं, उसे निर्वाचित घोषित किया जाएगा। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने आयोग के उक्त निर्देशों की जानकारी समस्त जिला निर्वाचन अधिकारियों को दे दी है।


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