अनूपपुर। शिक्षण सत्र 2011-12 में अनूपपुर में मानसरोवर पैरामेडिकल काॅलेज भोपाल का ब्रांच खोला गया था। जहां पर 4 स्थानीय लडकों को काम पर रखा गया था। उन लडकों द्वारा स्थानीय लोगों व छात्रों को यह बताय जाता था कि आप हमारे संस्था मे प्रवेश ले और आपको विभिन्न पैरामेडिकल कोर्स निःशुल्क कराए जाएंगे और साथ मे छात्र्वृत्ति के रूप मे 3000 से 4000 रूपए दिए जाएंगे।
निःशुल्क शिक्षा लेने के लिए अनूपपुर के लगभग 800 छात्रों ने इस संस्था मे प्रवेश लिया। लेकिन किसी भी छात्र को किसी भी तरह का न तो प्रशिक्षण दिया गया और ना ही परीक्षा दिलाई गई। लगभग 6 माह बाद छात्रों ने पूछा कि पढाई कब से प्रारंभ होगी और परीक्षा कब देंगे तो स्थानीय संचालकों द्वारा घुमाया फिराया जा रहा था। जिसकी एक शिकायत स्थानीय कलेक्टर कार्यालय मे की गई लेकिन कार्रवाई सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह गई और यहां से संस्था का कार्यालय बंद हो गया।
बाद मे पता चला कि जिन छात्रों ने फार्म भरा था उनके नाम से शासन से करोडो रूपया मानसरोवर पैरामेडिकल द्वारा निकलवा लिया गया और इन छात्रों के छात्रवृत्ति की राशि छात्रों के नाम से भोपाल के विभिन्न बैंको मे खुले खाते मे आज भी जमा है हालांकि यह राशि मात्र 4000 रुपए है।
इस तरह मानसरोवर पैरामेडिकल नामक इस संस्था ने प्रदेश के तमाम जिलों से हजारों बच्चों के डाक्यूमेंट्स कलेक्ट किए और सरकार से छात्रवृत्ति व दूसरे फंड लेकर संचालक गायब हो गए। मानसरोवर पैरामेडिकल ने अपने इस काले धंधे मे एसजीएस पैरामेडिकल नामक संस्था का भी सहयोग लिया। इतने सारे डाक्यूमेंट से पैसे निकलवाने के लिए इसने सैकडो डाक्यूमेंट इस संस्था को बेच दिए जिसने भी डाक्यूमेंट के सहारे शासन को लाखों रुपयों का चूना लगाया।
खबर तो यह भी है कि उक्त एसजीएस संस्था मानसरोवर पैरामेडिकल काॅलेज की संस्था है क्योंकि इनकी संस्था का नाम एसएसजीएस (सत्य सांई ग्रामोधोंग समिति) है। इन दोनों संस्था ने मिलकर 4-5 जिलो के छात्रों के डाक्यूमेंट के सहारे लगभग 1 से 1.5 करोड रुपयों की राशि शासन को गुमराह करके निकालवाई है।
अमन कुमार सोनी अनूपपुर
मोबाईल-9806955349