संकटमोचन नाम है प्रणब दा

shailendra gupta
राकेश दुबे@प्रतिदिन। कांग्रेस के लिए प्रणब दा संकटमोचक की भूमिका निभाने के लिए हैदराबाद हो आये| यूँ तो मुख्य कार्यक्रम आईपीएस अकादमी की दीक्षांत परेड में सलामी लेने का था, परन्तु उनकी इस यात्रा को आंध्र प्रदेश में चल  रहे आन्दोलन से जोड़ कर देखा जा रहा है |
चाहे यह मसला हो या कोई और प्रणब दा की भूमिका हमेशा संकट मोचक  की रही है | लाल कृष्ण आडवाणी की बात को सही माने तो कांग्रेस को दागी अध्यादेश से भी प्रणब दा ने ही मुक्ति दिलाई थी |

आगामी लोकसभा चुनाव को मद्देनजर रखते हुए कांग्रेस आंध्र में कोई कोताही नहीं बरतना चाहती है |कांग्रेस के दिल्ली दरबार के दरबारी इस मामले दो अलग-अलग राय बताकर शीर्ष नेतृत्व को संकट में डालते रहे हैं | आंध्र के बंटवारे को लेकर गर्म हुई राजनीति के फल स्वरूप हुए विरोध और इस्तीफों की राजनीति के कारण कांग्रेस ने फिर संकटमोचक  का हाथ थामा और प्रणब  दा की हैदराबाद यात्रा का कार्यक्रम बनाया गया |

राष्ट्रीय पुलिस अकादमी के दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति के शामिल होने की बात को लेकर दिल्ली के गलियारों में विचित्र चर्चा है | कहते है कि स्व, राजीव गाँधी द्वारा एक बार यह सलामी लेने को तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह ने एक मुद्दा बना लिया था और यह तय करा दिया था की इस समारोह में गृह मंत्री ही भाग लेंगे | अब नाजुक परिस्थिति में प्रणब दा फिर से संकट मोचक बने है |

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