भोपाल। मध्यप्रदेश में 25 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए शुक्रवार से नामांकन दाखिल करने का सिलसिला शुरू हो गया है, जो 8 नवंबर तक चलेगा। लेकिन पर्चा भरने के लिए इस बार प्रत्याशियों के साथ ही राजनीतिक पार्टियों को भी खासी सावधानियां बरतनी पड़ेंगी।
प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के सूत्रों का कहना है कि नामांकन दाखिल करने के लिए इस बार निर्वाचन आयोग ने जिस प्रकार के निर्देश जारी किए हैं, उनके तहत कोई भी प्रत्याशी अपने पर्चे में कोई कॉलम खाली नहीं छोड़ सकेगा, उसे सभी कॉलमों में जानकारी भरना जरूरी कर दिया गया है।
इसके अलावा उन्हें शपथ पत्र में भी परिवार से संबंधित सभी जानकारियां भरनी होंगी, हालांकि पर्चे में किसी तरह की गलती होने पर निर्वाचन अधिकारी (आरओ) प्रत्याशी को जानकारी देंगे। नामांकन पर्चा भरते समय भी आरओ द्वारा उसका बारीकी से अध्ययन किया जाएगा। गलती होने पर उसे तत्काल सुधरवाया जाएगा।
निर्वाचन आयोग द्वारा दिए गए निर्देशों में कहा गया है कि आरओ को प्रयास करना है कि किसी भी प्रत्याशी का फॉर्म निरस्त नहीं हो, लेकिन बार-बार समझाने के बाद भी गलती करने पर पर्चा निरस्त करने की कार्रवाई हो सकती है।
निर्देशों के अनुसार नामांकन पर्चा प्राप्त करने से पहले आरओ को ध्यान रखना होगा कि प्रत्याशियों ने उसे सही तरीके से भरा है अथवा नहीं। प्रत्याशी ने कोई कॉलम रिक्त तो नहीं छोड़ा है तथा जो कॉलम छोड़ा गया है, उसे भरवाया जाए। जाति के आधार पर यदि आवश्यक हो तो जाति प्रमाण पत्र लगवाए जाएं।
जमानत राशि और शपथ पत्र संबंधी अन्य जानकारियां भी प्रत्येक नामांकन पर्चे में आरओ को देखना अनिवार्य रहेगा। नामांकन पर्चा प्राप्त करने के साथ यह भी ध्यान रखना होगा कि इस कार्य की वीडियोग्राफी भी होनी है। नामांकन जमा करने वाले प्रत्याशी के साथ भीड़ आरओ कार्यालय के अंदर प्रवेश नहीं करेगी और कोई वाहन भी परिसर में नहीं आ सकेगा।
सू़त्रों ने कहा कि प्रत्याशियों एवं राजनीतिक पार्टियों के लिए यह भी ध्यान देने योग्य निर्देश है कि नामांकन पर्चे में प्रत्याशी को कॉलम खाली छोड़ने के स्थान पर लागू नहीं लिखना अनिवार्य होगा।
शपथ पत्र सहित अन्य दस्तावेज नहीं देने पर पहले तो नोटिस जारी किया जाएगा जिसमें प्रत्याशी को शपथ पत्र सहित अन्य दस्तावेज जमा करने के लिए समयसीमा दी जाएगी, लेकिन समयसीमा में उन्हें जमा नहीं करने पर पर्चा निरस्त हो जाएगा। (भाषा)